यह ख़बर 14 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

भारत के परमाणु संयंत्र सुरक्षित हैं : काकोड़कर

खास बातें

  • उन्होंने कहा कि फुकुशिमा संयंत्र सुरक्षित था लेकिन वहां विस्फोट इसलिए हुआ क्योंकि पानी भर जाने के बाद शीतलन प्रणाली काम नहीं कर रही थी।
मुंबई:

भूकंप प्रभावित जापान में परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर जहां आशंकाएं जतायी जा रही हैं, वहीं भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनिल काकोड़कर ने सोमवार को कहा कि भारतीय परमाणु संयंत्र सुरक्षित हैं। बहरहाल, काकोड़कर ने कहा कि जापान में छाये मौजूदा संकट के बाद दुनिया भर में संयंत्रों के प्रारूप में सुधार आएगा। मुंबई के विधान भवन स्थित वी एस पागे संसदीय प्रशिक्षण केंद्र में हुए परमाणु ऊर्जा के महत्व विषयक व्याख्यान में उन्होंने कहा कि जापान का फुकुशिमा परमाणु संयंत्र सुरक्षित था लेकिन वहां विस्फोट इसलिये हुआ क्योंकि सुनामी के चलते पानी भर जाने के बाद वहां की शीतलन प्रणाली काम नहीं कर रही थी। काकोड़कर ने कहा कि हालांकि, स्थिति अब भी संवेदनशील है और पूर्ण आकलन कुछ समय बाद ही उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि भारत के परमाणु संयंत्र सुरक्षित हैं। परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, जापान और भारत में होने वाली भूगर्भीय हलचलों में फर्क है। भुज में भूकंप के बाद :गुजरात स्थित: काकरापार संयत्र काम कर रहा था और दक्षिण भारत में सुनामी के बाद पानी भर जाने के चलते :तमिलनाड़ु स्थित: कलपक्कम संयंत्र बंद कर दिया गया था। उसे कुछ ही दिन बाद दोबारा शुरू कर दिया गया। काकोड़कर ने कहा कि जापान के अनुभव के बाद दुनिया भर में संयंत्रों के प्रारूप नई तरह से बनेंगे और उनमें सुधार आएगा।


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