कांग्रेस ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर हमला बोला है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और महासचिव के सी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को कहा कि चुनाव आयोग 'किसी सरकारी विभाग' की तरह ही काम कर रहा है. साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि कर्नाटक उपचुनाव के लिए नया कार्यक्रम अयोग्य घोषित किए गए विधायकों को निर्दोष साबित करने के लिए बनाया गया है. चुनाव आयोग द्वारा शुक्रवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक कर्नाटक में विधानसभा की 15 सीटों पर उपचुनाव पांच दिसंबर को होंगे. चुनाव आयोग ने उच्चतम न्यायालय में जारी कार्यवाई हवाला देते हुए कहा कि चर्चा के बाद यह तय किया गया कि नए कार्यक्रम के मुताबिक नामांकन प्रक्रिया 11 नवंबर को फिर से शुरू होगी. चुनाव आयोग के फैसले के बाद वेणुगोपल ने ट्वीट किया, 'चुनाव आयोग अब किसी अन्य सरकारी विभाग की तरह काम करने लगा है. चुनाव प्रक्रिया की कार्यवाही शुरू होने के बाद चुनाव टालना बहुत असाधारण है. प्रतीत होता है कि नया कार्यक्रम अयोग्य विधायकों के शुद्धिकरण के लिए लाया गया है.' शीर्ष अदालत 22 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई करेगी.
The Election Commission now acts like yet another govt department. Postponing elections after starting the proceedings is quite unusual. The new schedule also seems to have been made to facilitate the purification of the disqualified MLAs.
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) September 27, 2019
बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं जब चुनाव आयोग पर इस तरह के आरोप लगाए गए हैं. इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी विपक्षियों पार्टियों ने आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा था कि चुनाव आयोग सिर्फ एक दल के लिए काम कर रही थी. लोकसभा चुनाव की मतगणना के दौरान बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कहा था, ''देशभर के स्ट्रॉन्ग रूम्स के आसपास ईवीएम की बरामदगी हो रही है. ट्रकों और निजी वाहनों में ईवीएम पकड़ी जा रही है. ये कहाँ से आ रही है, कहां जा रही है? कब, क्यों, कौन और किसलिए इन्हें ले जा रहा है? क्या यह पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है? चुनाव आयोग को अतिशीघ्र स्पष्ट करना चाहिए.'' उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा, ''सीबीआई, ED की तरह चुनाव आयोग ने भाजपा से पहले गठबंधन किया, अब उसमें विलय कर बेशर्मी से काम कर रहा है. वोटिंग के दिन तेजस्वी यादव को फ़र्ज़ी तरीके से फंसाने और बदनाम करने के लिए उसकी जगह किसी और का फोटो लगा दिया गया ताकि बेवजह विवाद उत्पन्न कर नकारात्मकता व विघ्न पैदा किया जाए.'
इससे पहले लोकसभा चुनाव में ही शुरू हुए 'नमो टीवी' पर बयान देते हुए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष आयोग का समर्पण जाहिर है. लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान वाले दिन गांधी ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी की उत्तराखंड के केदारनाथ की यात्रा समेत अन्य उदाहरण गिनाए और चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया. गांधी ने ट्वीट किया, ‘चुनावी बांड और ईवीएम से लेकर चुनाव के कार्यक्रम में छेड़छाड़ तक, नमो टीवी, ‘मोदीज आर्मी' और अब केदारनाथ के नाटक तक चुनाव आयोग का मिस्टर मोदी और उनके गैंग के समक्ष समर्पण सारे भारतीयों के सामने जाहिर है.'' उन्होंने लिखा, ‘चुनाव आयोग का डर रहता था और उसका सम्मान होता था. अब नहीं रहा.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं