विज्ञापन
This Article is From Jul 22, 2020

जब महीनों बाद अपने पुराने साथियों के साथ आमने-सामने आ गए ज्योतिरादित्य सिंधिया...

बुधवार को राज्यसभा में नए सांसदों का शपथ ग्रहण समारोह था. सिंधिया बीजेपी की ओर से राज्यसभा में सांसद चुने गए हैं. ऐसे में समारोह के दौरान उनका पुराने साथी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से सामना हो गया.

जब महीनों बाद अपने पुराने साथियों के साथ आमने-सामने आ गए ज्योतिरादित्य सिंधिया...
राज्यसभा में शपथ लेने के दौरान दिग्विजय सिंह से मिले ज्योतिरादित्य सिंधिया.
नई दिल्ली:

कांग्रेस का हाथ छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का बुधवार को महीनों बाद अपने पुराने साथियों से आमना-सामना हो गया. बुधवार को राज्यसभा में नए सांसदों का शपथ ग्रहण समारोह था. सिंधिया बीजेपी की ओर से राज्यसभा में सांसद चुने गए हैं. ऐसे में समारोह के दौरान उनका पुराने साथी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से सामना हो गया. दोनों नेताओं की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें वो सदन में एक दूसरे के सामने हाथ जोड़कर एक दूसरे का अभिवादन कर रहे हैं. दोनों ने ही मास्क लगा रखा है. दोनों के अभिवादन में पिछले महीनों में आई कड़वाहट कहीं छिप गई है. 

बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्यसभा के उन 61 नए सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने सदन में सत्र चालू होने के बिना ही शपथ लिया है. शपथ लेने से पहले उन्होंने दिग्विजिय सिंह से ही नहीं कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेताओं- गुलाम नबी आज़ाद और मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मुलाकात की. 

सोशल मीडिया पर इस तस्वीर की काफी चर्चा हुई है. कुछ लोगों ने कॉमेंट किया कि कोरोनावायरस से बचने के लिए जो मास्क लगाया गया है, उसके पीछे दोनों नेताओं की एक-दूसरे के प्रति असली भावनाएं भी छिप गई हैं. वहीं किसी ने लिखा कि आखिरकार दोनों नेता राज्यसभा पहुंच गए. दरअसल, सिंधिया राज्यसभा की सीट को लेकर ही कांग्रेस में रहने के दौरान खुन्नस में थे. 

सिंधिया मार्च महीने में 19 साल के साथ वाली पार्टी कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. इतना ही नहीं, वो अपने साथ मध्य प्रदेश विधानसभा के 22 विधायकों को भी अपने साथ ले गए थे, जिसके चलते कमलनाथ की सरकार अल्पमत में आ गई और बीजेपी को राज्य में सत्ता में आने का मौका मिल गया. बीजेपी में जाने से पहले सिंधिया ने अपने पार्टी के नेताओं से बिल्कुल किनारा कर लिया था. उन्होंने दिग्विजय सिंह सहित कमलनाथ तक से भी बातचीत बंद कर दी थी. 

ऐसे में इन पिछले कुछ महीनों में शायद पहली बार होगा, जब वो अपने पुराने साथियों से आमने-सामने आए हैं. वो भी तब राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट के साथ भी कुछ-कुछ वैसी ही स्थिति बनी हुई है. दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा था कि पायलट को सिंधिया की तरह बीजेपी में नहीं जाना चाहिए क्योंकि कांग्रेस में उनका भविष्य उज्जवल है.

Video: मध्य प्रदेश और राजस्थान के हालात में 5 बड़े अंतर

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: