नई दिल्ली:
भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काट्जू ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर देवेंदर पाल सिंह भुल्लर को माफी देने की मांग की है जिसे वर्ष 1993 के दिल्ली बम विस्फोट मामले में मौत की सजा सुनाई गई है।
काट्जू ने यह पत्र उच्चतम न्यायालय के दो न्यायाधीशों वाली एक पीठ द्वारा सजाए मौत के खिलाफ खालिस्तान आतंकवादी भुल्लर की याचिका के खारिज किए जाने के कुछ दिनों बाद लिखा है। न्यायालय के उस फैसले से भुल्लर को फांसी पर लटकाने का रास्ता साफ हो गया है।
काट्जू ने कहा कि भुल्लर जनवरी 1995 में भारत आने के बाद से ही जेल में बंद है। वह गत 18 वर्ष से जेल में हैं। उसे अपनी फांसी के लिए काफी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा जिससे उसे काफी लंबे समय मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी इस दौरान क्योंकि उसके सिर पर खतरे की तलवार लटकती रही। उन्होंने अपनी अपील के कारण बताते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय भुल्लर की फांसी के खिलाफ उसकी अपील एक के मुकाबले दो से खारिज कर चुका था, यह निर्णय सर्वसम्मत नहीं था। उन्होंने कहा कि पीठ के वरिष्ठतम न्यायमूर्ति एमबी शाह भुल्लर को बरी कर चुके थे।
काट्जू ने यह पत्र उच्चतम न्यायालय के दो न्यायाधीशों वाली एक पीठ द्वारा सजाए मौत के खिलाफ खालिस्तान आतंकवादी भुल्लर की याचिका के खारिज किए जाने के कुछ दिनों बाद लिखा है। न्यायालय के उस फैसले से भुल्लर को फांसी पर लटकाने का रास्ता साफ हो गया है।
काट्जू ने कहा कि भुल्लर जनवरी 1995 में भारत आने के बाद से ही जेल में बंद है। वह गत 18 वर्ष से जेल में हैं। उसे अपनी फांसी के लिए काफी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा जिससे उसे काफी लंबे समय मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी इस दौरान क्योंकि उसके सिर पर खतरे की तलवार लटकती रही। उन्होंने अपनी अपील के कारण बताते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय भुल्लर की फांसी के खिलाफ उसकी अपील एक के मुकाबले दो से खारिज कर चुका था, यह निर्णय सर्वसम्मत नहीं था। उन्होंने कहा कि पीठ के वरिष्ठतम न्यायमूर्ति एमबी शाह भुल्लर को बरी कर चुके थे।
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