विज्ञापन
This Article is From Oct 19, 2011

जजों को आलोचना नजरंदाज नहीं करनी चाहिए : कपाड़िया

नई दिल्ली: देश के प्रधान न्यायाधीश एसएच कपाड़िया ने कहा है कि यदि न्यायाधीशों की कार्रवाइयों और निर्णयों की रचनात्मक आलोचना होती है तो उन्हें इन्हें नजरंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसी ही समीक्षाओं से कानून का विकास होता है। कपाड़िया ने यह बात मंगलवार को उस समय कही, जब वह प्रमुख कानूनविद टीआर अंध्यारुजिना की पुस्तक 'द केशवानंद भारती केस : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ स्ट्रगल फॉर सुपरमेसी बाइ द सुप्रीम कोर्ट एंड पार्लियामेंट' का विमोचन कर रहे थे। कपाड़िया ने कहा, "हम न्यायाधीश अपनी कार्रवाइयों और निर्णयों की बार द्वारा की जाने वाली रचनात्मक आलोचना से नहीं डरते।" कपाड़िया ने इस बात पर खेद जताया कि वरिष्ठ अधिवक्ता वैधानिक और संवैधानिक कानून के विकास पर ध्यान देने की बजाए अपने पेशेवर कार्यो में कुछ ज्यादा ही जुटे हुए हैं। प्रधान न्यायाधीश ने इस मुद्दे पर किसी चर्चा का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया कि न्यायाधीशों को बहस वाले मुद्दों में नहीं उलझना चाहिए। बहरहाल, इस पुस्तक में केशवानंद भारती मामले में तनावों और संघर्षो के विवरण शामिल हैं- न केवल प्रतिद्वंद्वी पक्षों के बीच, बल्कि न्यायाधीशों के बीच भी। उनमें से कुछ के विचार पहले से तय थे, क्योंकि एक तो वे पूर्व के मामलों में न्यायाधीश रह चुके थे और दूसरे यह कि सरकार ने उनका चयन किया था। अंध्यारुजिना ने कहा कि पुस्तक इस बात का सच्चा चित्र प्रस्तुत करती है कि कैसे मामला विकसित हुआ और इसके साथ कैसे निपटा गया और किसी तरह संदिग्ध तरीके से निर्णय पर पहुंचा गया। इस मामले में अंध्यारुजिना के तर्क उनकी स्मृतियों और मामले के वकील के रूप में उनके द्वारा तैयार की गई टिप्पणियों पर तथा बाद में उनके द्वारा लिए गए मामले से सम्बंधित कुछ न्यायाधीशों के साक्षात्कार पर आधारित हैं। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि संसद, संविधान के बुनियादी ढांचे के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकती।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
जम्मू कश्मीर चुनाव को लेकर महिलाओं में कैसा उत्‍साह... जानें किस पार्टी के उम्‍मीदवार सबसे ज्‍यादा अमीर?
जजों को आलोचना नजरंदाज नहीं करनी चाहिए : कपाड़िया
महाराष्ट्र : एमएसआरटीसी की हड़ताल से यात्री परेशान, 96 बस डिपो पूरी तरह से बंद
Next Article
महाराष्ट्र : एमएसआरटीसी की हड़ताल से यात्री परेशान, 96 बस डिपो पूरी तरह से बंद
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com