जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के प्रोफेसर सी.पी. चंद्रशेखर ने आर्थिक आंकड़ों की समीक्षा करने वाले सरकारी पैनल को छोड़ दिया है, और कहा है कि वह यूनिवर्सिटी में बने 'हालात' को लेकर चिंतित हैं. JNU में सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज़ एंड प्लानिंग के प्रोफेसर सी.पी. चंद्रशेखर ने अपने इस्तीफे में कहा, "मुझे यह सूचित करते हुए अफसोस हो रहा है कि JNU में, जहां मैं रहता हूं, मौजूदा हालात की वजह से मैं कल की बैठक में शिरकत करने में असमर्थ हूं... इसके अलावा, मुझे लगता है, मौजूदा स्थितियों में कमेटी भी सांख्यिकीय प्रणाली की विश्वसनीयता को बहाल करने में कामयाब नहीं हो पाएगी, जिसकी हालिया वक्त में साख घट गई है..."
एनडीटीवी से बातचीत में सीपी चंद्रशेखर ने कहा, 'जेएनयू में जिस तरह हिंसा हुई और उससे पहले जामिया और अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जो हमला हुआ उससे मैं आहत हूं. मुझे नहीं लगता की देश में अभी जो माहौल है उसमें मौजूदा व्यवस्था के अधीन एक पारदर्शी और ठोस सांख्यिकी व्यवस्था तैयार की जा सकती है. मैं CAA और NPR को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं उससे भी चिंतित हूं. NPR 2020 में स्थानीय अधिकारी को ये अधिकार देने का प्रस्ताव है की वो नए मैन्युअल/प्रश्नावली के आधार पर किसी भी व्यक्ति को 'Doubtful' करार दे सकता है. ऐसा नहीं होना चाहिए.'
साथ ही उन्होंने, 'NPR की शुरुआत जनगणना की होटलिस्टिंग फेज के साथ लोगों के बारे में जानकारी जुटाने से शुरू हुई थी. अब NPR 2020 के प्रश्नावली को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.'
उन्होंने कहा, "मैं सांख्यिकीय प्रणाली के लिए अपने साथ काम कर चुके अनेक सहकर्मियों के लगातार प्रयासों की सराहना करना चाहता हूं, जिनके सहयोग से सुदृढ़ तथा विश्वसनीय सांख्यिकीय आधार तैयार हो सका..."
उन्होंने पत्र में कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीतिक दबावों ने उनकी स्वायत्तता को कम कर दिया है. इन परिस्थितियों में मैं पैनल को अपनी सेवाएं नहीं दे पाऊंगा.
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गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार रात लाठियों और लोहे की छड़ों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने परिसर में प्रवेश कर छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था. बाद में प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा. आईआईटी बॉम्बे, टीआईएसएस और एएसएफआई के छात्रों समेत कई छात्र संगठनों के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नारे भी लगाए. प्रदर्शन स्थल पर भारी पुलिस की तैनाती की गई थी और प्रदर्शनकारियों को पानी, चाय, बिस्कुट और फल दिए गए. नागरिक निकायों ने शौचालय की व्यवस्था भी की.
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