बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के उस कथन कि प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव के बाद अगर जदयू, राजद और कांग्रेस को बहुमत प्राप्त होता है जदयू के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गठबंधन के मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि इससे राजद और कांग्रेस अभी सहमत नहीं है और इन दलों का कहना है कि गठबंधन के नेता के बारे में समय आने पर निर्णय लिया जाएगा।
हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में जदयू की करारी हार की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए नीतीश के बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद जीतन राम मांझी इस पद पर आसीन हुए थे।
मांझी ने कल धनबाद में कहा था कि अगले वर्ष होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने पर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे तो उनके नाम को आगे बढ़ाने का काम सबसे पहले वे ही करेंगे। वैसे तो पार्टी के विधायक जिसको चाहे उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए चुन सकते हैं पर निश्चित रूप से नीतीश हम लोगों के दल के नेता हैं और पार्टी की स्थापना और उसे चलाने उनकी अहम भूमिका है।
मांझी के इस कथन का हालांकि जदयू ने समर्थन किया है पर उसके नए सहयोगी राजद और कांग्रेस का कहना है कि यह जदयू की राय है गठबंधन की नहीं।
बिहार विधानसभा में राजद विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि मुख्यमंत्री को लेकर निर्णय विधानसभा चुनाव बाद सहयोगी दलों के नेता लेंगे। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेमचंद मिश्र ने मांझी के कथन जदयू का अंदरूनी मामला बताते हुए कहा कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव परिणाम के अनुसार घटक दलों के नेता मुख्यमंत्री को लेकर निर्णय लेंगे।
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