Jessica Lal Murder Case: जेसिका लाल हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा (Manu Sharma) को सोमवार को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) से रिहा कर दिया गया. बता दें कि दिल्ली सजा समीक्षा बोर्ड ने जेसिका लाल हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा की समय से पहले रिहाई की सिफारिश की थी.
बता दें कि सजा समीक्षा बोर्ड के पास मनु शर्मा का नाम 6वीं बार आया था और इस बार दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने रिहाई पर मुहर लगा दी है. मनु शर्मा (Manui Sharma) को दिल्ली की तिहाड़ जेल से 18 अन्य कैदियों के साथ सोमवार को रिहा किया गया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने 30 अप्रैल, 1999 को एक एक पार्टी में ड्रिंक परोसने से मना करने के बाद मॉडल जेसिका लाल (Jessica Lal) की हत्या कर दी थी. इसके बाद मनु शर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. 2018 में जेसिका लाल की छोटी बहन सबरीना लाल ने कहा था कि उसने मनु शर्मा को माफ कर दिया है और अगर उसे मुक्त कर दिया गया तो कोई आपत्ति नहीं होगी.
सबरीना लाल ने NDTV से कहा था, 'मुझे सच में विश्वास है कि वह जेल में अच्छा काम कर रहा है.' सबरीना ने कहा था कि वह 1999 से इस लड़ाई को लड़ रही हैं. अब हमें गुस्से को त्याग देना चाहिए. मनु शर्मा ने लगभग 17 साल जेल में बिताए हैं.
जेसिका लाल हत्याकांड एक नज़र
- 29-30 अप्रैल, 1999 की रात : साउथ दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में पार्टी में जेसिका की गोली मारकर हत्या
- 30 अप्रैल, 1999 : अपोलो अस्पताल में डॉक्टरों ने घोषित किया कि जेसिका को अस्पताल में मृत लाया गया था
- 2 मई, 1999 : मनु शर्मा की टाटा सफारी को दिल्ली पुलिस ने यूपी के नोएडा से बरामद किया
- 6 मई, 1999 : चंडीगढ़ की एक अदालत के सामने मनु शर्मा का सरेंडर
- इसके बाद यूपी के नेता डीपी यादव के बेटे विकास यादव सहित 10 सह अभियुक्तों की गिरफ्तारी
- 3 अगस्त, 1999 : आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत जेसिका मर्डर केस में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट
- 31 जनवरी, 2000 : मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस केस को सेशन कोर्ट को सुपुर्द किया
- 23 नवंबर, 2000 : सेशन कोर्ट ने हत्या के मामले में नौ लोगों के खिलाफ आरोप तय किए
- एक आरोपी अमित झिंगन बरी और रविंदर उर्फ टीटू को भगोड़ा घोषित किया
- 2 मई, 2001 : कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की
- 3 मई, 2001 : चश्मदीद गवाह श्यान मुंशी अपने बयान से मुकरा, कोर्ट में उसने मनु की शिनाख्त नहीं की
- 5 मई, 2001 : कुतुब कोलोनेड में इलेक्ट्रिशियन एक अन्य चश्मदीद शिव दास भी अपने बयान से मुकरा
- 16 मई, 2001 : तीसरा प्रमुख गवाह करन राजपूत भी अपने बयान से मुकरा
- 6 जुलाई, 2001 : एक गवाह मालिनी रमानी ने मनु शर्मा की शिनाख्त की
- 12 अक्तूबर, 2001 : रेस्टोरेंट और बार मालकिन बीना रमानी ने भी मनु की शिनाख्त की
- 17 अक्तूबर, 2001 : बीना के कनाडाई पति जार्ज मेलहोत ने गवाही दी और मनु शर्मा की शिनाख्त की
- 20 जुलाई, 2004 : विवादास्पद जांच अधिकारी सुरिंदर शर्मा ने गवाही दी
- 21 फरवरी, 2006 : लोअर कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सभी नौ अभियुक्तों को बरी किया
- 13 मार्च, 2006 : दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में अपील दायर की
- 3 अक्तूबर, 2006 : हाईकोर्ट ने इस अपील पर नियमित आधार पर सुनवाई शुरू की
- 29 नवंबर, 2006 : हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा
- 18 दिसंबर, 2006 : हाईकोर्ट ने मनु शर्मा, विकास यादव और अमरदीप सिंह गिल उर्फ टोनी को दोषी करार दिया
- आलोक खन्ना, विकास गिल, हरविंदर सिंह चोपड़ा, राजा चोपड़ा, श्याम सुंदर शर्मा और योगराज सिंह बरी हुए
- 20 दिसंबर, 2006 : हाईकोर्ट ने मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया
- सह अभियुक्त अमरदीप सिंह गिल और विकास यादव को चार साल की जेल की सजा और तीन हजार का जुर्माना
- 2 फरवरी, 2007 : मनु शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की
- 8 मार्च, 2007 : सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा की अपील स्वीकार की
- 27 नवंबर, 2007 : सुप्रीम कोर्ट ने मनु की जमानत की दलील खारिज की
- 12 मई, 2008 : सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा की जमानत याचिका फिर से खारिज की
- 19 अप्रैल, 2010 : फिर से ने मनु शर्मा की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा
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