राष्ट्रीय जनता दल यानी RJD सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) का आज जन्मदिन (Birthday) है. इस खास मौके पर रांची में उनके राजनीतिक उतराधिकारी तेजस्वी यादव, आरजेडी सुप्रीमो के साथ दिखे. इस बीच, जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने लालू यादव द्वारा ज़मीन की ख़रीद बिक्री से कुछ काग़ज़ात जारी कर फिर उन्हें घेरा. बिहार सरकार के सूचना जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार (Neeraj Kumar) ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता आयोजित कर लालू यादव को फिर ज़मीन के ख़रीद के एक और मामले के काग़ज़ात जारी किए.
नीरज ने यह काग़ज़ात जारी करते हुए बताया कि लालू यादव ने अपने सगे बड़े भाई स्व. मंगरु यादव के बेटों से दिनांक 04.11.2003 (चार नवंबर 2013) को नाबालिग तेज प्रताप के नाम 8 कट्ठा 17 धुर जमीन लिखवा लिया. फुलवरिया के कई लोगों से नौकरी के बदले जमीन लिखवाए जाने की भी बात भी उन्होंने कही. नीरज के अनुसार, लालू जी को बेनामी संपत्ति अर्जित करने की इस कदर भूख थी कि इन्होंने तेजप्रताप और तेजस्वी के अलावा एक और तीसरे बेटे तरुण कुमार यादव के नाम जमीन लिखवा ली जिसका कहीं कोई अता-पता नहीं है.
उन्होंने जमीन निबंधन के प्रमाणिक दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए कहा कि 1989 में पैदा हुए तेज प्रताप के नाम से 1993 में मात्र 4 वर्ष की उम्र में फुलवरिया के लोगों से नौकरी के बदले 3 कट्ठा 11धुर और 6कट्ठा जमीन लिखवाई गई जिसमें खरीदार के रूप में तेजप्रताप यादव और तरुण कुमार यादव वल्द लालू प्रसाद यादव का नाम दर्ज है. यहां सवाल यह प्रकट होता है कि आखिर तरुण कुमार यादव कौन है, कहां है और तेज प्रताप के साथ साझे में ली गई जमीन में दोनों के पिता की जगह लालू यादव का नाम कैसे दर्ज है? इसके अलावा तेजप्रताप के नाम 01.02.94 को भी बलम चौधरी से 2 कट्ठा 16 धुर जमीन लिखवाई गई. इन सभी रजिस्ट्री में अभिभावक के रूप में किसी का कोई उल्लेख नहीं जो कि सीधे-सीधे बाल उत्पीड़न का मामला बनता है कि आखिर नाबालिग के नाम, बिना अभिभावक के उल्लेख के इन्होंने जमीन कैसे लिखवाई. उन्होंने कहा कि कैदी नंबर 3351 पर तो बेनामी संपत्ति बनाने का आरोप लगता रहा है लेकिन अब तो तीसरे बेटे तरुण कुमार यादव को गुमनाम और गुमशुदा रखने का आरोप भी है.
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