यूपीए सरकार के दौरान पर्यावरण मंत्री रही जयंती नटराजन ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने साथ ही एक बड़ा खुलासा भी किया, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए।
अंग्रेजी अखबार 'द हिन्दू' के मुताबिक, नटराजन ने सोनिया गांधी को एक ख़त लिखा, जिसमें उन्होंने कहा है कि पर्यावरण से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी न देने के लिए उन पर राहुल गांधी की ओर से दबाव था। उन्होंने लिखा कि उनके इस्तीफ़ा देने के बाद राहुल गांधी के दफ़्तर की ओर से उनके खिलाफ मीडिया में प्रचार किया गया।
इसमें ये भी संकेत दिए गए हैं कि राहुल गांधी यूपीए सरकार के दौरान अहम फैसलों में शामिल थे, जबकि कांग्रेस इससे हमेशा इनकार करती रही। इस चिट्ठी में जयंती नटराजन ने यह भी संकेत दिए हैं कि चुनाव से 100 दिन पहले उन्हें हटाया गया था, जबकि कांग्रेस ने उस वक्त ये दावा किया था कि उन्हें पार्टी के लिए काम करने के लिए संगठन में भेजा जा रहा है।
इस चिट्ठी पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि जयंती नटराजन का कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष के नाम जो पत्र लिखा है वह प्रकाशित हुआ है, जिन विषयों को आज तक अफवाह माना जाता था, वह सत्य साबित हुई हैं।
पिछले कई वर्षों से देश का जो विकास रुका है और प्रोजेक्ट्स में विलंब हो रहा था, उसके पीछे यही वजह थी। यह देश की अर्थव्यवस्था के साथ खिलवाड़ थी। लोगों को तकलीफ देने में इन्हें आनंद आता है। अब दायित्व पर्यावरण विभाग के ऊपर है कि इन सब पर विचार करें ताकि कानूनों की व्यवस्था फिर कायम हो।
देखें वीडियो : देश की अर्थव्यवस्था से खिलवाड़ हो रहा था : अरुण जेटली
यूपीए सरकार में 2011 से 2013 तक वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहने वाली जयंती नटराजन ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
दरअसल, जंयती नटराजन पर आरोप लगा था कि उनकी ढिलाई के चलते विकास के कई प्रोजेक्ट्स शुरू नहीं हो पाए। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आरोप लगाया था कि फाइलें जयंती टैक्स की वजह से रुकती हैं, लेकिन उसी नरेंद्र मोदी को लेकर जंयती नटराजन ने चिट्ठी में लिखा है कि स्नूपगेट में नरेंद्र मोदी को फंसाने की साजिश कांग्रेस की थी।
वैसे, सवाल टाइमिंग को लेकर हो सकता है जबकि दिल्ली में चुनाव हैं और राहुल गांधी प्रचार में जुटे हैं तो नवंबर में लिखी इस चिट्ठी को इस समय क्यों लीक किया गया?
गौरतलब है कि जयंती नटराजन पर 35 ऐसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी नहीं देने का आरोप है, जो हजार से पांच हजार करोड़ तक के हैं।
उल्लेखनीय है कि जयंती नटराजन को राजीव गांधी कांग्रेस में लेकर आए थे, लेकिन नरसिम्हा राव के समय में जयंती पार्टी छोड़कर जीके मूपनार के नेतृत्व में बनी तमिल मनिला कांग्रेस में शामिल हुई थीं, फिर वापस सोनिया गांधी उन्हें पार्टी में लेकर आई थीं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं