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This Article is From May 12, 2015

जयललिता को जिस बिना पर बरी किया गया, उसमें भारी गलती : सरकारी वकील

जयललिता को जिस बिना पर बरी किया गया, उसमें भारी गलती : सरकारी वकील
फाइल फोटो
बेंगलुरु: तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और AIADMK प्रमुख जयललिता जयराम को आय से अधिक संपत्ति के मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा बरी किए जाने पर अभियोजन पक्ष के वकील का कहना है कि जज ने जिस आधार पर बरी किया है वह गलत साबित हो सकता है।

इस मामले में सरकारी वकील बी वी आचार्य के मुताबिक, कर्नाटक हाई कोर्ट के जज जस्टिस कुमारस्वामी ने जयललिता की संपत्ति का सही ढंग से मूल्यांकन नहीं किया।

सरकारी वकील बीवी आचार्य ने कहा, 'पर्सेंटेज के आधार पर साफ तौर से इसमें गणितीय गलती है।' उन्होंने कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले की कॉपी के पेज 852 के मुताबिक तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का कर्ज करीब 11 करोड़ है, जबकि जज की गणना 24 करोड़ है। मतलब 12 करोड़ रुपये ज्यादा है। जयललिता की आय से अधिक संपत्ति इस वजह से 16 करोड़ रुपये हो जाती है न कि तीन करोड़, जबकि जयललिता को बरी करने वाले जज सीआर कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा था कि उन पर अवैध संपत्ति होने के जो आरोप हैं और जिन स्रोतों के जरिए उनकी संपत्ति घोषित की गई है वे प्रमाणित नहीं हुई हैं।

जज ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री बनीं तब यह राशि उनकी संपत्ति का आठ पर्सेंट है, जो कि अपेक्षाकृत छोटा है, हालांकि इसमें स्वीकार्य सीमा 10 पर्सेंट तक है।

लेकिन अगर अभियोजन पक्ष के वकील सही हैं, तो उनकी अवैध संपत्ति तय सीमा से बहुत ज्यादा है। बीवी आचार्या ने कहा, 'इनकी अवैध संपत्ति 76% है न कि 8.12 पर्सेंट। यह स्पष्ट गलती अब हम लोगों के नोटिस में है। हम इस मामले में सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।'

इस मामले में जज ने यह भी कहा था, 'प्रॉसिक्युशन की नजर जयललिता द्वारा लिए गए भारी लोन पर भी है जो कि उन्होंने बैंक से लिए थे। इस कर्ज को उनकी निजी संपत्ति के साथ में जोड़ दिया गया है।' जज ने कहा था कि कभी जयललिता की बेहद करबी रहीं शशिकला नटराजन जिस फर्म की निदेशक थीं, उनकी संपत्ति से भी जयललिता को जोड़ा गया।

सूत्रों का कहना है कि अभियोजन पक्ष सोमवार को कर्नाटक हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए तीन महीने का वक्त है, लेकिन इसके लिए राज्य सरकार की इजाजत लेनी होगी।

आपको बता दें कि 67 साल की जयललिता पर 1997 में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। पुलिस ने तब 28 किलोग्राम सोना, 750 जोड़ी जूते और 10 हजार से ज्यादा साड़ियां उनके घर पर रेड मार जब्त की थीं।

अभियोजन पक्ष का कहना है कि जयललिता की संपत्ति में 1,000 एकड़ की भूसंपत्ति भी शामिल है। यह संपत्ति जयललिता के 1991 से 1996 की बीच के कार्यकाल के दौरान की अवैध संपत्ति का ही हिस्सा है।

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