
पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) की अगुवाई वाले पांच सदस्यीय दल को जम्मू एवं कश्मीर के अधिकारियों ने शनिवार को श्रीनगर से बाहर दूसरे इलाकों में जाने से यह कहकर रोक दिया गया कि वे जिन इलाकों में जाना चाहते हैं, वहां उन्हें आतंकवादियों से खतरा है. पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री सिन्हा (Yashwant Sinha) ने शुक्रवार को नेशनल कान्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला से फोन पर बात की थी. पांच अगस्त को जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अबदुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित 50 राजनेता हिरासत में हैं. सिन्हा ने कहा कि उनके एक मित्र ने फारूक अबदुल्ला से फोन पर उनकी बात कराई.
उन्होंने कहा कि उनकी योजना दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा और शोपियां जाने की थी, लेकिन अधिकारियों ने दक्षिणी कश्मीर में आतंकवादियों से खतरा बताकर जाने से रोक दिया गया. सिन्हा ने कहा, "हमने उपायुक्त को पत्र लिखकर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अबदुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और यूसुफ तारिगामी से मिलने की अनुमति मांगी थी, लेकिन नहीं दी गई." उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनसे कहा कि वे प्रशासन को बताकर और अनुमति लेकर श्रीनगर में जहां भी घूमना हो, घूम सकते हैं. सिन्हा ने कहा, "ये सब हमें उन जगहों पर जाने से रोकने की कवायद है, जहां हम जाना चाहते हैं." सिन्हा की अगुवाई वाले दल ने श्रीनगर पहुंचने के बाद कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। यह दल 25 नवंबर को दिल्ली लौट जाएगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं