नई दिल्ली:
जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने जमीनी स्थिति का हवाला देते हुए कश्मीर घाटी में सड़कों पर प्रदर्शन को नियंत्रित करने में पैलेट गनों के इस्तेमाल पर रोक की मांग खारिज कर दी है और कहा कि जब तक भीड़ की हिंसा है तब तक बल प्रयोग अपरिहार्य है.
मुख्य न्यायाधीश एन पॉल वसंतकुमार और न्यायमूर्ति अली मोहम्मद मार्गे की पीठ ने उन अधिकारियों पर मुकदमा चलाने का अनुरोध मानने से इनकार भी कर दिया जिन्होंने उन पर (अनियंत्रित भीड़ पर) पैलेट गन चलाने का आदेश दिया था. पीठ ने प्रशासन को घायलों का राज्य या उसके बाहर विशेषज्ञों द्वारा इलाज कराने का भी निर्देश दिया.
अदालत ने बुधवार को यहां अपने आदेश में कहा, "वर्तमान जमीनी स्थिति तथा यह बात ध्यान में रखकर कि भारत सरकार का गृह मंत्रालय पैलेट गनों का अन्य विकल्प ढूंढने के लिए 26 जुलाई, 2016 को अपने स्मरण पत्र के जरिए पहले ही विशेष समिति गठित कर चुका है"
पीठ ने कहा, "विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट आने और सरकार द्वारा निर्णय लिए जाने से पहले हम दुर्लभ और अतिवादी स्थितियों में पैलेट गनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के पक्ष में नहीं हैं." न्यायालय भीड़ को नियंत्रित करने के सिलसिले में पैलेट गनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की अर्जी पर सुनवाई कर रहा है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुख्य न्यायाधीश एन पॉल वसंतकुमार और न्यायमूर्ति अली मोहम्मद मार्गे की पीठ ने उन अधिकारियों पर मुकदमा चलाने का अनुरोध मानने से इनकार भी कर दिया जिन्होंने उन पर (अनियंत्रित भीड़ पर) पैलेट गन चलाने का आदेश दिया था. पीठ ने प्रशासन को घायलों का राज्य या उसके बाहर विशेषज्ञों द्वारा इलाज कराने का भी निर्देश दिया.
अदालत ने बुधवार को यहां अपने आदेश में कहा, "वर्तमान जमीनी स्थिति तथा यह बात ध्यान में रखकर कि भारत सरकार का गृह मंत्रालय पैलेट गनों का अन्य विकल्प ढूंढने के लिए 26 जुलाई, 2016 को अपने स्मरण पत्र के जरिए पहले ही विशेष समिति गठित कर चुका है"
पीठ ने कहा, "विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट आने और सरकार द्वारा निर्णय लिए जाने से पहले हम दुर्लभ और अतिवादी स्थितियों में पैलेट गनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के पक्ष में नहीं हैं." न्यायालय भीड़ को नियंत्रित करने के सिलसिले में पैलेट गनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की अर्जी पर सुनवाई कर रहा है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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