नई दिल्ली:
जंगली जानवरों का शिकारी और तस्कर संसार चंद जल्द रिहा हो सकता है। तीस हजारी कोर्ट ने उस पर से मकोका हटा लिया है। दरअसल, वह 2005 से जेल में बंद है।
उसे राजस्थान के सरिस्का वाइल्डलाइफ सेंचुरी में बाघों की एक पीढ़ी को खत्म करने का जिम्मेदार माना जाता है। तीस हजारी कोर्ट ने उस पर मकोका के तहत कार्रवाई की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। और इसी के साथ 55 साल के संसार चंद का जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
200 से अधिक बाघों और हजारों अन्य जानवरों को मारने के दोषी संसार चंद ने मकोका लगाने को लेकर चुनौती दी थी। कोर्ट ने कहा संसार चंद पर मकोका लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि यह आरोप मुख्य मामले से हटकर पूरक आरोपों के तौर पर लगाए गए थे।
वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत आने वाले एक दूसरे केस में चंद को पहले ही जमानत मिल चुकी है। इसके अलावा उसके दो साथी पहले ही जेल से रिहा हो चुके हैं।
उसे राजस्थान के सरिस्का वाइल्डलाइफ सेंचुरी में बाघों की एक पीढ़ी को खत्म करने का जिम्मेदार माना जाता है। तीस हजारी कोर्ट ने उस पर मकोका के तहत कार्रवाई की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। और इसी के साथ 55 साल के संसार चंद का जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है।
200 से अधिक बाघों और हजारों अन्य जानवरों को मारने के दोषी संसार चंद ने मकोका लगाने को लेकर चुनौती दी थी। कोर्ट ने कहा संसार चंद पर मकोका लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि यह आरोप मुख्य मामले से हटकर पूरक आरोपों के तौर पर लगाए गए थे।
वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत आने वाले एक दूसरे केस में चंद को पहले ही जमानत मिल चुकी है। इसके अलावा उसके दो साथी पहले ही जेल से रिहा हो चुके हैं।
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