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This Article is From Aug 29, 2011

राजीव के हत्यारों की सजा बदलने का अधिकार नहीं : जयललिता

चेन्नई: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने सोमवार को कहा कि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्या के मामले में दोषी तीनों व्यक्तियों के मृत्युदंड को बदलने का आधिकार नहीं है। जयललिता ने राज्य विधानसभा में कहा, "मेरे पास तीनों दोषियों के मृत्युदंड को बदलने का अधिकार नहीं है। उन्हें दोबारा राष्ट्रपति के यहां अपील करनी चाहिए।" जयललिता ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री कुछ नहीं कर सकता। तीनों दोषियों के मृत्युदंड को बदलने के लिए दबाव बनाने हेतु रविवार को आत्मदाह करने वाली सेनकोदी का जिक्र करते हुए जयललिता ने लोगों से अपील की कि उन्हें इस तरह के कदम नहीं उठाने चाहिए। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने 11 अगस्त को मुरुगन, सनथन और पेरारिवलन की दया याचिकाएं खारिज कर दीं। वे तीनों लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) से सम्बंधित हैं और उन्हें 1991 में हुई पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में मौत की सजा सुनाई गई है। तीनों को नौ सितम्बर को फांसी होनी है। ज्ञात हो कि एक महिला आत्मघाती हमलावर ने चेन्नई के पास श्रीपेरम्बदूर में 21 मई, 1991 को एक चुनावी रैली के दौरान खुद को विस्फोट से उड़ाकर राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। वह 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस की सहयोगी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने मांग की है कि मृत्युदंड की सजा बदली जाए।

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