जहांगीरपुरी हिंसा मामले में जांच तेज हो गयी है. पुलिस की तरफ से "एक विशेष समुदाय" के एक ही परिवार के सभी पुरुष सदस्यों पर कार्रवाई की गयी है. पुलिस ने परिवार के 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही उसी परिवार के एक नाबालिग को भी हिरासत में लिया गया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुकेन सरकार, उसके भाई सुरेश सरकार, सुकेन के दो बेटों नीरज, सूरज और सुकीन के बहनोई सुजीत के रूप में हुई है. पुलिस ने 16 अप्रैल को हुई इस घटना में अब तक कुल 23 लोगों को गिरफ्तार किया है और दो नाबालिग पुलिस की हिरासत में हैं.
गिरफ्तार आरोपियों के परिजनों ने पुलिस की गिरफ्तारी का विरोध किया है. समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बात करते हुए सुकेन सरकार की पत्नी दुर्गा सरकार ने कहा कि मेरे पति, देवर, तीन बेटों और मेरे भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वे सभी निर्दोष हैं. साथ ही उसने कहा कि वे लोग जुलूस और पथराव के दौरान रथ पर सवाल थे, इसी दौरान उसके पति पर ईंट फेंकी गयी. उसके भाई के सिर पर गंभीर चोटें आयी है. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हनुमान की मूर्ति को बचा लिया.
दुर्गा सरकार ने कहा कि घटना के बाद उसका पति घर आया था और उसने कहा था कि "दूसरे समुदाय" के लोग पहले उससे बहस करने लगे और बाद में पथराव की शुरुआत हो गयी. सरकार ने कहा, "मेरे पति अपनी जान बचाने के लिए उस जगह से भाग गए. वह एक छोटी सी नौकरी करते हैं और मेरा बेटा 12वीं कक्षा का छात्र है. उसकी बोर्ड परीक्षा है. अगर उसे रिहा नहीं किया गया, तो उसका जीवन बर्बाद हो जाएगा.
गिरफ्तार एक अन्य आरोपी सुजीत की पत्नी मीनू ने कहा कि मेरे पति को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वो शोभा यात्रा में रथ खींच रहे थे. उसी दौरान मस्जिद से 5-6 लोग आए और उन्हें लाउडस्पीकर बंद करने और जय श्री राम का जाप बंद करने को कहा. जब जुलूस में शामिल लोगों ने लाउडस्पीकर बंद करने से मना कर दिया तो 'दूसरे समुदाय' के सैकड़ों लोग तलवारों के साथ निकल आए और जुलूस पर हमला कर दिया. मेरे पति किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से निकले.
साथ ही उसने कहा कि उसके पति ने पत्थरबाजी में हिस्सा नहीं लिया. आरोपी की पत्नी ने कहा कि जिन्होंने ऐसा किया भी तो केवल आत्मरक्षा के लिए उन्हें ऐसा करना पड़ा. मीनू ने सवाल किया कि अगर कोई मुझे मारने आता है, तो क्या मुझे अपनी रक्षा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए? मीनू ने कहा कि दंगा करने वाले सभी लोगों को उसके पति जानते हैं. लेकिन एक समुदाय को नायक बनाया जा रहा है और दूसरे समुदाय को खलनायक की तरह पेश किया जा रहा है. साथ ही उसने कहा कि हम हिंदुस्तान में रहते हैं और जय श्री राम का जाप करना हमारा अधिकार है.
बताते चलें कि पिछले शनिवार को एक जुलूस के दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में दो समुदायों के बीच हुए झड़प में दो पुलिसकर्मियों समेत कुछ लोग घायल हो गए थे.
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