बेंगलुरू:
बीएस येदियुरप्पा के दबाव के आगे झुकते हुए भाजपा संभवत: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सदानंद गौडा को बदलकर उनकी जगह राज्य की कमान लिंगायत नेता जगदीश शेट्टर को सौंपेगी और इस आशय की घोषणा सप्ताहभर के भीतर होने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी का मानना है कि शेट्टर को मुख्यमंत्री होना चाहिए। इस फैसले पर भाजपा संसदीय बोर्ड की मुहर लगनी आवश्यक है, जो पार्टी की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है और अधिकांश सदस्यों के बीच इस बात को लेकर सहमति है।
पार्टी में यह आम राय है राज्य में भाजपा के असंतुष्ट खेमे की ओर से चार साल से दी जा रही धमकियों के चलते पार्टी की छवि देश भर में प्रभावित हो रही है और इस स्थिति से जल्द से जल्द बाहर आना चाहिए।
शेट्टर ने बताया कि आलाकमान का फैसला सप्ताह भर के भीतर आने की उम्मीद है। हमने सब कुछ पार्टी नेतृत्व पर छोड़ दिया है। उनका फैसला हमें स्वीकार्य होगा।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा संसदीय दल के नेता लाल कृष्ण आडवाणी हालांकि मौजूदा विधानसभा में तीसरा मुख्यमंत्री चुनने के पक्ष में नहीं हैं और उनका मानना है कि पार्टी को नये चुनाव के लिए तैयारी करनी चाहिए। वह येदियुरप्पा के भी खिलाफ हैं क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण आडवाणी की काले धन और भ्रष्टाचार को लेकर की गई यात्रा पर प्रतिकूल असर पड़ा था। आडवाणी नहीं चाहते कि येदियुरप्पा के किसी मनोनीत व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जाए।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और पार्टी महासचिव अनंत कुमार भी येदियुरप्पा के करीबी को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में नहीं हैं। सूत्रों ने बताया कि ऐसे में गडकरी संसदीय बोर्ड पर फैसला छोड़ेंगे।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी का मानना है कि शेट्टर को मुख्यमंत्री होना चाहिए। इस फैसले पर भाजपा संसदीय बोर्ड की मुहर लगनी आवश्यक है, जो पार्टी की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है और अधिकांश सदस्यों के बीच इस बात को लेकर सहमति है।
पार्टी में यह आम राय है राज्य में भाजपा के असंतुष्ट खेमे की ओर से चार साल से दी जा रही धमकियों के चलते पार्टी की छवि देश भर में प्रभावित हो रही है और इस स्थिति से जल्द से जल्द बाहर आना चाहिए।
शेट्टर ने बताया कि आलाकमान का फैसला सप्ताह भर के भीतर आने की उम्मीद है। हमने सब कुछ पार्टी नेतृत्व पर छोड़ दिया है। उनका फैसला हमें स्वीकार्य होगा।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा संसदीय दल के नेता लाल कृष्ण आडवाणी हालांकि मौजूदा विधानसभा में तीसरा मुख्यमंत्री चुनने के पक्ष में नहीं हैं और उनका मानना है कि पार्टी को नये चुनाव के लिए तैयारी करनी चाहिए। वह येदियुरप्पा के भी खिलाफ हैं क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण आडवाणी की काले धन और भ्रष्टाचार को लेकर की गई यात्रा पर प्रतिकूल असर पड़ा था। आडवाणी नहीं चाहते कि येदियुरप्पा के किसी मनोनीत व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जाए।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और पार्टी महासचिव अनंत कुमार भी येदियुरप्पा के करीबी को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में नहीं हैं। सूत्रों ने बताया कि ऐसे में गडकरी संसदीय बोर्ड पर फैसला छोड़ेंगे।
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