जम्मू कश्मीर के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने पुलवामा जिले में एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ), उनकी पत्नी और बेटी की हत्या की निंदा करते हुए इसे ‘निंदनीय, कायरतापूर्ण' कृत्य और ‘‘एक तरह का आतंकवाद'' करार दिया. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘मैं जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसपीओ फैयाज अहमद, उनकी पत्नी और उनकी छोटी बेटी पर कल रात घर पर हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले की निंदा करता हूं. मैं प्रार्थना करता हूं कि वे जन्नत में अपना स्थान प्राप्त करें और उनके परिजन को दुख की इस घड़ी में ताकत मिले.''
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने घटना को कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर ‘धब्बा' बताया. नेकां ने ट्वीट किया, ‘‘नेशनल कॉन्फ्रेंस विशेष पुलिस अधिकारी, उनकी पत्नी और 23 वर्षीय बेटी की बर्बर हत्याओं की पुरजोर निंदा करती है. यह कायरतापूर्ण, अमानवीय कृत्य है और कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य पर धब्बा है.''
जम्मू कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस कायरतापूर्ण हमले की निंदा करने के लिए उनके पास कोई कठोर शब्द नहीं है. मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘अवंतीपुरा में कायरतापूर्ण हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द काफी नहीं हैं, जहां जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारी फैयाज अहमद, उनकी पत्नी और बेटी की जान चली गई. ऊपर वाला उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिजन को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें.''
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने कहा कि हत्या की खबरें अत्यंत दुखद हैं और हिंसा के गुनहगारों को किसी की परवाह नहीं है. लोन ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘उठते ही दुखद खबर से सामना हुआ. पूरे परिवार को गोलियों से भून दिया गया. भगवान उनकी आत्मा को शांति दें। परिवार को दुख सहन करने की ताकत मिले.''
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जम्मू कश्मीर प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने इसे कायरतापूर्ण और बर्बर हमला बताते हुए कहा कि किसी पुलिसकर्मी के घर में घुसना और उनकी तथा उनके परिवार के सदस्यों की हत्या करना आतंकवादी कृत्य है. ठाकुर ने कहा, ‘‘जिन्होंने यह हरकत की, वे कड़ी निंदा के पात्र हैं और जो इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं, उनका भी यही हश्र होगा. पुलिसकर्मी की बेगुनाह पत्नी और बेटी का क्या कसूर था? महिलाओं की हत्या करना कोई बहादुरी का काम नहीं बल्कि यह कायराना हरकत है जिसकी कड़े से कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए.'' उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति सहानुभूति प्रकट की और पुलिस से जल्द से जल्द दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने का अनुरोध किया.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने कहा कि निहत्थे नागरिकों की हत्या को किसी भी तरह से जायज नहीं करार दिया जा सकता. तारिगामी ने कहा, ‘‘महिलाओं, बेकसूर लोगों की हत्याएं अत्यंत निंदनीय हैं और सभ्य समाज में ऐसी घटनाओं का कोई स्थान नहीं है. हर किसी को इस घटना की निंदा करनी चाहिए.''
उन्होंने कहा कि कश्मीर में तीन दशक से हिंसा का कुचक्र जारी है ‘‘लेकिन अब तक क्या हासिल हुआ है?''
तारिगामी ने कहा, ‘‘यह किसके हित में है. लगातार हो रही हिंसा पर विचार करने की आवश्यकता है. समाज को सामने आना चाहिए और हिंसा के ऐसे क्रूर कृत्यों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.'' उन्होंने शोकसंतप्त परिवार के प्रति संवेदना जाहिर की.
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