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This Article is From Sep 09, 2014

जम्मू कश्मीर में अब भी फंसे हैं चार लाख लोग, करीब 50 हजार लोगों को बचाया गया

जम्मू कश्मीर में अब भी फंसे हैं चार लाख लोग, करीब 50 हजार लोगों को बचाया गया
नई दिल्ली:

बाढ़ से तबाह कश्मीर घाटी में अब भी तकरीबन चार लाख लोग फंसे हुए हैं और मदद की बाट जोह रहे हैं। वहां भारी वर्षा में कमी से अनेक एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव प्रयासों में मदद मिली है, जबकि तकरीबन 47 हजार लोगों को अब तक सुरक्षित रूप से निकाला जा चुका है।

जम्मू कश्मीर में पिछले छह दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ में विपदा का सामना कर रहे कुछ लोगों ने मकानों की छतों पर शरण ले रखी है। पिछली मंगलवार से हुई मूसलाधार मानसूनी बारिश के बाद बाढ़, भूस्खलन और मकानों के गिरने की घटनाओं में मरने वालों की संख्या तकरीबन 200 तक बताई जा रही है।

अधिकारी रविवार की दोपहर से टूट चुके दूरसंचार संपर्कों को बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे हैं और चरणबद्ध तरीके से उसके बहाल होने की उम्मीद है।

एक अधिकारी ने बताया, 'घाटी में बचाव गतिविधियों में बाधक के तौर पर जो बड़ी समस्या आ रही है वह है दूरसंचार संपर्क का काम नहीं करना----दूरसंचार विभाग जल्द से जल्द संपर्क को बहाल करने का पूरा प्रयास कर रहा है।' अधिकारियों ने कहा कि नौकाओं की कमी बचाव अभियानों को प्रभावित कर रही है।

जम्मू में रक्षा प्रवक्ता कर्नल एस डी गोस्वामी ने बताया कि वायुसेना के कुल 61 हेलिकॉप्टरों और मालवाहक विमानों ने लोगों को निकालने और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए अब तक लगातार 451 उड़ानें भरी है। वहां तकरीबन एक लाख जवान बचाव अभियानों में लगे हुए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के बाद अब भी चार लाख लोगों के फंसे होने का अनुमान है। जीओसी 15 वीं कोर के लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा ने कहा कि हालांकि मौसम की स्थिति में अब सुधार हो रहा है और श्रीनगर तथा दक्षिण कश्मीर के अन्य शहरों में जलस्तर कम हुआ है।

उन्होंने कहा, 'मौसम साफ हुआ है और हेलिकॉप्टर अभियानों की तीव्रता बढ़ी है। श्रीनगर में जलस्तर कुछ स्थानों पर 1.5 से तीन फुट तक कम हुआ है, लेकिन हम उत्तर की तरफ जलस्तर में वृद्धि देख रहे हैं।'

वहीं डल झील में जलस्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है। टेलीविजन फुटेज में डल झील में बाढ़ के पानी का स्तर बढ़ता दिखाया गया और यह पानी हजरतबल दरगाह परिसर के आस-पास मैदान में प्रवेश कर गया है।

रक्षा प्रवक्ता ने बताया, 'भारतीय सशस्त्र बलों, आईएएस और एनडीआरएफ द्वारा जम्मू कश्मीर में व्यापक राहत एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है। सेवा में आज और हेलिकॉप्टरों और नौकाओं को लगाया गया और राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।' उन्होंने बताया, 'सशस्त्र बलों और एनडीआरएफ ने अब तक 47 हजार 227 लोगों को जम्मू कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों से बचाया है।' उन्होंने कहा कि तकरीबन एक लाख सैनिक अभियान में लगे हुए हैं।

हालांकि सेना की 135 नौकाओं और एनडीआरएफ की 148 हवा वाली नौकाओं को सेवा में लगाया गया है लेकिन अब भी नौकाओं की कमी की शिकायतें हैं। दिल्ली से हवाई मार्ग से और नौकाएं मंगाई जा रही हैं।

बाढ़ में जीवित बचे एक व्यक्ति ने कहा, 'हमें नौकाओं की आवश्यकता है। कैसे हम अपने बुजुर्गों और बच्चों को फंसे हुए क्षेत्रों से सुरक्षित निकाल सकते हैं।' राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा, 'हम जलमग्न क्षेत्रों से लोगों को बचाने के लिए नौकाओं की कमी का सामना कर रहे हैं।'

अधिकारियों ने बताया कि बीएसएनएल ने सेना और वायुसेना के साथ मिलकर सैटेलाइट नेटवर्क के माध्यम से मोबाइल सेवाओं को बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर अभियान शुरू किया है और दूरसंचार नेटवर्क के आज आंशिक रूप से बहाल होने की उम्मीद है।

भारतीय सेना इंजीनियर और सीमा सड़क संगठन के एकजुट प्रयासों के बाद लेह क्षेत्र से बाढ़ प्रभावित कश्मीर घाटी का सड़क संपर्क बहाल हो गया है।

गोस्वामी ने कहा कि बचाव दलों का ध्यान जलमग्न श्रीनगर शहर और दक्षिण कश्मीर क्षेत्र पर है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों में 7200 कंबल, 210 टेंट, 42 हजार लीटर पानी, 600 किलोग्राम बिस्किट, बच्चों के लिए सात टन खाना और एक हजार खाने के पैकेट वितरित किए गए।

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