दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल नजीब जंग में फिर एक बार जंग छिड़ गई है।
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग की तरफ से मीडिया को भेजी गई प्रेस रिलीज में एक खबर का हवाला देकर कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने अफसरों को फाइलें उपराज्यपाल को न भेजने के निर्देश दिए थे, एलजी ने अफसरों को दिया गया यह निर्देश वापस लेने को कहा है।
उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री को इससे जुड़े कानून के बारे में भी बताया है, जिसमें कहा गया है कि 'दिल्ली में सीएम और मंत्रिमंडल का काम उपराज्यपाल की सहायता करना और सलाह देना है, जिस पर उपराज्यपाल अपने विवेक से कदम उठा सकते हैं। ऐसे मामले जिन पर विधानसभा में कानून बन सके, उनकी फाइल उपराज्यपाल के पास अंतिम मंजूरी के लिए जरूर आनी चाहिए।' उपराज्यपाल ने अफसरों को संविधान का पालन करने के लिए कहा है।
दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार मानती है कि दिल्ली में भूमि, कानून व्यवस्था और पुलिस के मुद्दे को छोड़कर सारे अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास हैं और समय-समय पर केंद्र सरकार के आदेशों में ये बात सामने आती रही है इसलिए दिल्ली की 'आप' सरकार अपने अधिकारों के लिए आगे भी लड़ाई जारी रखेगी।
दरअसल 29 अप्रैल को दिल्ली सरकार की तरफ से सभी अफसरों को एक आदेश दिया गया था, जिसमें कानून की एक धारा का हवाला देकर कहा गया था कि केंद्र में राष्ट्रपति और राज्य में राज्यपाल को हर फाइल नहीं भेजी जाती, जबकि दिल्ली में हर फाइल का बोझ उपराज्यपाल पर लगातार डाला जा रहा है। इसलिए जल्द निर्णय लेने के लिए यह तय किया गया है कि अब सारी फाइलें उपराज्यपाल को परेशान किए बिना सीएम कार्यालय तक भेजी जाएं।
लेकिन दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली सरकार के आदेश में कहा गया है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इस निर्णय के बारे में उपराज्यपाल को लिख दिया है, लेकिन उपराज्यपाल की तरफ भेजी गई रिलीज में एक खबर को आधार बनाकर निर्देश जारी किए हैं।
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