नई दिल्ली:
चीन से लगी सीमा पर तनातनी के बीच सरकार ने चीनी सरहद पर तैनात भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों और अफसरों को प्रमोशन दिया है. करीब 1654 अधिकारियों और जवानों को ये प्रमोशन छह साल पहले यानी कि 2011 में ही मिल जाना चाहिए था, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से इसमें काफी वक्त लग गया. हर रैंक के एक-एक अफसर और जवान को खुद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह नें रैंक लगाकर प्रमोशन दिया. राजनाथ सिंह ने कहा कि छह साल भले इंतजार करना पड़ा हो, लेकिन इन जवानों ने अपना धैर्य कभी नहीं खोया. उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे जवानों का मनोबल काफी ऊंचा होगा.
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गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सितंबर, 2015 में आईटीबीपी के लद्दाख के एक पोस्ट पर बिताए हुए अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार ऐसी ठंड झेली थी, लेकिन जवान ठंड से बेपरवाह अपनी ड्यूटी निभाते रहते हैं. उन्होंने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि भविष्य में प्रमोशन को लेकर ऐसी कोई दिक्कत न आए, इसका ख्याल रखा जाना चाहिए.
इस मौके पर गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि इसका उन्हें दुख है कि बल के लोगों को प्रमोशन हासिल करने में इतना समय लग गया। लोगों को पता नहीं होगा कि ये जवान कितनी मुश्किल में अपनी ड्यूटी निभाते हैं.
VIDEO : लद्दाख में चीनी सैनिकों और आईटीबीपी के जवानों के बीच पत्थरबाजी
आईटीबीपी के जवान 9 हजार से लेकर 18 हजार फुट की ऊंचाई पर शून्य से 45 डिग्री नीचे तापमान में सरहद की रखवाली करते हैं. चीन से लगी 3488 किलोमीटर लंबी सीमा की रखवाली का जिम्मा आईटीबीपी जवानों के जिम्मे हैं.
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गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सितंबर, 2015 में आईटीबीपी के लद्दाख के एक पोस्ट पर बिताए हुए अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने पहली बार ऐसी ठंड झेली थी, लेकिन जवान ठंड से बेपरवाह अपनी ड्यूटी निभाते रहते हैं. उन्होंने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि भविष्य में प्रमोशन को लेकर ऐसी कोई दिक्कत न आए, इसका ख्याल रखा जाना चाहिए.
इस मौके पर गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि इसका उन्हें दुख है कि बल के लोगों को प्रमोशन हासिल करने में इतना समय लग गया। लोगों को पता नहीं होगा कि ये जवान कितनी मुश्किल में अपनी ड्यूटी निभाते हैं.
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आईटीबीपी के जवान 9 हजार से लेकर 18 हजार फुट की ऊंचाई पर शून्य से 45 डिग्री नीचे तापमान में सरहद की रखवाली करते हैं. चीन से लगी 3488 किलोमीटर लंबी सीमा की रखवाली का जिम्मा आईटीबीपी जवानों के जिम्मे हैं.