नंदा देवी में मिले पर्वतारोहियों के पार्थिव शरीरों को लाने में आईटीबीपी के पर्वतारोही जुटे हैं. इसके लिए तकनीकी पर्वतारोहण के माध्यम से दुर्लभ प्रयास किए जा रहे हैं. आईटीबीपी ने पर्वतारोहियों के शवों को नीचे लाने के लिए सोमवार को लगभग 11 घंटे लगातार मेहनत की और चार पर्वतारोहियों के पार्थिव शरीर को रास्ते के सबसे ऊंचे स्थल रिज लाइन पर 18,900 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा दिया.
शेष तीन पर्वतारोहियों के पार्थिव शरीरों को मंगलवार को इसी स्थान पर लाने का प्रयास आईटीबीपी के माउंटेनियरिंग दल द्वारा किया जाएगा. इसके बाद तकनीकी माउंटेनियरिंग स्किल के माध्यम से इन शवों को एक-एक करके नीचे लाया जाएगा. ऐसा अनुमान है कि यदि मौसम ने साथ दिया तो मंगलवार की शाम तक सातों पार्थिव शरीर हेलीपैड बेस कैंप वन, जिसकी ऊंचाई 15,250 फीट तक है, तक पहुंचा दिए जाएंगे.
आईटीबीपी के दल द्वारा पर्वतारोहण के उच्च मानदंडों का पालन करते हुए और सभी पार्थिव शरीरों को सम्मान के साथ नीचे लाने का प्रयास किया जा रहा है. इसलिए यह ऑपरेशन तकनीकी रूप से मुश्किल और दुश्वारियों से भरा हुआ है. जब सभी पार्थिव शरीर बेस कैंप एक तक ले आए जाएंगे तो वहां से हेलीकॉप्टर के माध्यम से इन्हें पहले मुनस्यारी और फिर पिथौरागढ़ लाया जाएगा.
बल के पर्वतारोही रतन सिंह सोनाल, द्वितीय कमान के नेतृत्व में आईटीबीपी के पर्वतारोही पिछले लगभग 15 दिनों से पर्वतारोहियों के गुम हुए दल को ढूंढने के बाद उनके पार्थिव शरीरों को नीचे लाने के प्रयास में लगातार खराब मौसम से जूझ रहे हैं. यदि कल वे सभी शवों को नीचे लाने में सफल रहते हैं तो हाल के दिनों में इस प्रकार का यह पहला अभियान होगा जो समुद्र तल से 19000 फीट से भी ऊंचे इलाके में सफल होगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं