दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आईएएस अधिकारियों को दिया सुरक्षा का भरोसा.
नई दिल्ली:
पिछले 7 दिनों से दिल्ली के एलजी हाउस में जो विरोध चल रहा था वो दिल्ली की सड़कों पर प्रदर्शन में तब्दील हो गया. आम आदमी पाटी के हजारों कार्यकर्ता मंडी हाउस से प्रधानमंत्री निवास की तरफ निकले. कल चार मुख्यमंत्रियों के समर्थन के बाद आम आदमी पार्टी को आज के प्रदर्शन में सीपीएम का भी साथ मिला. इन सबके बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके IAS अधिकारियों को आश्वासन दिया है कि अधिकारी काम पर आएं, उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'मुझे बताया गया है कि IAS एसोसिएशन ने आज प्रेस कांफ्रेंस में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है. मैं उन्हें आश्वासन देता हूं कि मैं अपनी शक्ति और संसाधनों के भीतर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करूंगा. यह मेरा कर्तव्य है. मैंने ऐसे ही आश्वासन कई अधिकारियों को भी दिए हैं, जिन्होंने मुझसे निजी तौर पर मुलाकात की है. मैं यही बात आज फिर दोहराता हूं.
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केजरीवाल ने आगे लिखा, अधिकारी मेरे परिवार की तरह हैं. मैं उनसे गुजारिश करूंगा कि सरकार का बहिष्कार करना बंद करें और काम पर लौटें. मंत्रियों की बैठकों में उपस्थित होना शुरू करें, उनके फोन और मैसेज का जवाब दें. उन्हें बिना किसी भय या दबाव के काम करना चाहिए. वह किसी के भी दबाव में नहीं आएं, चाहे वह राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार या कोई अन्य राजनीतिक दल.'
इसके बाद केजरीवाल ने एक और ट्वीट कर कहा, 'जनतंत्र को बचाने के लिए आज भारी संख्या में लोग सड़क पर उतरे. लोगों के जुनून को सलाम. अपने प्यारे देश और जनतंत्र को बचाने के लिए लोगों ने बड़ी कुरबानियां दी हैं. अगर कल हमें भी इसके लिए अपनी जान देनी पड़े तो खुशी-खुशी हाजिर है.
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अधिकारियों ने हड़ताल का किया खंडन
इससे पहले दिल्ली के आईएएस एसोसिएशन ने प्रेस कांफ्रेंस करके आम आदमी पार्टी के इस दावे का खंडन किया है कि इसके अधिकारी हड़ताल पर हैं. साथ ही, आरोप लगाया है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. राजस्व सचिव मनीषा सक्सेना ने परिवहन आयुक्त वर्षा जोशी, दक्षिण दिल्ली जिलाधिकारी अमजद टाक और सूचना एवं प्रचार सचिव जयदेव सारंगी के साथ यहां प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी काफी गंभीरता और समर्पण से काम कर रहे हैं. अधिकारियों ने यह भी कहा कि वे लोग राजनीति में शामिल नहीं हैं और तटस्थ हैं. उनका काम सरकार की नीतियों को लागू करना है.
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'हमें निशाना बनाया गया'
उन्होंने कहा, 'हम सिर्फ कानून और संविधान के प्रति उत्तरदायी हैं.' सक्सेना ने कहा, 'हमें निशाना बनाया गया और कहा गया कि हम किसी के साथ काम कर रहे हैं. हम यह बताना चाहेंगे कि हम हड़ताल पर नहीं हैं.' गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य मंत्रियों के साथ उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना दे रहे हैं. वे लोग यह मांग कर रहे हैं कि उपराज्यपाल अनिल बैजल को आईएएस अधिकारियों की हड़ताल खत्म करने का निर्देश देना चाहिए.
VIDEO : हम हड़ताल पर नहीं है: दिल्ली IAS एसोसिएशन
अधिकारियों ने इन आरोपों से इनकार किया कि दिल्ली सरकार में सचिव मंत्रियों और विधायकों के फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं. कोई भी फोन कॉल अनुत्तरित नहीं रहता है. उन्होंने कहा कि वे लोग उन बैठकों में शामिल नहीं होंगे, जिसे वे असुरक्षित समझेंगे.
सात दिनों से धरने पर बैठे हैं केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल पिछले सात दिनों से धरने पर बैठे हैं. उन्होंने कहा था कि, हम तब तक यहां से नहीं जाएंगे, जब तक LG साब IAS अधिकारियों को मेरी सरकार के साथ फिर सहयोग शुरू करने का निर्देश नहीं देते. तीन महीने से वे हमारे द्वारा आहूत की गई बैठकों में आने से इंकार कर रहे हैं, और किसी भी निर्देश का पालन करने से भी. क्या आपने देश के किसी भी हिस्से में IAS अधिकारियों के काम करना छोड़ देने के बारे में सुना है...?
My appeal to my officers of Delhi govt .... pic.twitter.com/YQ02WgaAtd
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 17, 2018
केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'मुझे बताया गया है कि IAS एसोसिएशन ने आज प्रेस कांफ्रेंस में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है. मैं उन्हें आश्वासन देता हूं कि मैं अपनी शक्ति और संसाधनों के भीतर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करूंगा. यह मेरा कर्तव्य है. मैंने ऐसे ही आश्वासन कई अधिकारियों को भी दिए हैं, जिन्होंने मुझसे निजी तौर पर मुलाकात की है. मैं यही बात आज फिर दोहराता हूं.
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केजरीवाल ने आगे लिखा, अधिकारी मेरे परिवार की तरह हैं. मैं उनसे गुजारिश करूंगा कि सरकार का बहिष्कार करना बंद करें और काम पर लौटें. मंत्रियों की बैठकों में उपस्थित होना शुरू करें, उनके फोन और मैसेज का जवाब दें. उन्हें बिना किसी भय या दबाव के काम करना चाहिए. वह किसी के भी दबाव में नहीं आएं, चाहे वह राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार या कोई अन्य राजनीतिक दल.'
जनतंत्र को बचाने के लिए आज भारी संख्या में लोग सड़क पर उतरे। लोगों के जुनून को सलाम। अपने प्यारे देश और जनतंत्र को बचाने के लिए लोगों ने बड़ी कुरबानियाँ दी हैं। अगर कल हमें भी इसके लिए अपनी जान देनी पड़े तो ख़ुशी ख़ुशी हाज़िर है। pic.twitter.com/y5YpuD5oqM
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 17, 2018
इसके बाद केजरीवाल ने एक और ट्वीट कर कहा, 'जनतंत्र को बचाने के लिए आज भारी संख्या में लोग सड़क पर उतरे. लोगों के जुनून को सलाम. अपने प्यारे देश और जनतंत्र को बचाने के लिए लोगों ने बड़ी कुरबानियां दी हैं. अगर कल हमें भी इसके लिए अपनी जान देनी पड़े तो खुशी-खुशी हाजिर है.
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अधिकारियों ने हड़ताल का किया खंडन
इससे पहले दिल्ली के आईएएस एसोसिएशन ने प्रेस कांफ्रेंस करके आम आदमी पार्टी के इस दावे का खंडन किया है कि इसके अधिकारी हड़ताल पर हैं. साथ ही, आरोप लगाया है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. राजस्व सचिव मनीषा सक्सेना ने परिवहन आयुक्त वर्षा जोशी, दक्षिण दिल्ली जिलाधिकारी अमजद टाक और सूचना एवं प्रचार सचिव जयदेव सारंगी के साथ यहां प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी काफी गंभीरता और समर्पण से काम कर रहे हैं. अधिकारियों ने यह भी कहा कि वे लोग राजनीति में शामिल नहीं हैं और तटस्थ हैं. उनका काम सरकार की नीतियों को लागू करना है.
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'हमें निशाना बनाया गया'
उन्होंने कहा, 'हम सिर्फ कानून और संविधान के प्रति उत्तरदायी हैं.' सक्सेना ने कहा, 'हमें निशाना बनाया गया और कहा गया कि हम किसी के साथ काम कर रहे हैं. हम यह बताना चाहेंगे कि हम हड़ताल पर नहीं हैं.' गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य मंत्रियों के साथ उपराज्यपाल के कार्यालय में धरना दे रहे हैं. वे लोग यह मांग कर रहे हैं कि उपराज्यपाल अनिल बैजल को आईएएस अधिकारियों की हड़ताल खत्म करने का निर्देश देना चाहिए.
VIDEO : हम हड़ताल पर नहीं है: दिल्ली IAS एसोसिएशन
अधिकारियों ने इन आरोपों से इनकार किया कि दिल्ली सरकार में सचिव मंत्रियों और विधायकों के फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं. कोई भी फोन कॉल अनुत्तरित नहीं रहता है. उन्होंने कहा कि वे लोग उन बैठकों में शामिल नहीं होंगे, जिसे वे असुरक्षित समझेंगे.
सात दिनों से धरने पर बैठे हैं केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल पिछले सात दिनों से धरने पर बैठे हैं. उन्होंने कहा था कि, हम तब तक यहां से नहीं जाएंगे, जब तक LG साब IAS अधिकारियों को मेरी सरकार के साथ फिर सहयोग शुरू करने का निर्देश नहीं देते. तीन महीने से वे हमारे द्वारा आहूत की गई बैठकों में आने से इंकार कर रहे हैं, और किसी भी निर्देश का पालन करने से भी. क्या आपने देश के किसी भी हिस्से में IAS अधिकारियों के काम करना छोड़ देने के बारे में सुना है...?
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