नई दिल्ली:
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मेगा मिशन के जरिए विश्व रिकॉर्ड बना लिया है. पीएसएलवी के जरिए एक साथ 104 सैटेलाइट को सफल तरीके से लांच कर इतिहास रच दिया है. अब तक यह रिकार्ड रूस के नाम है, जो 2014 में 37 सैटेलाइट एक साथ भेजा था. आइए इस इस ऐतिहासिक मिशन से जुड़ी 10 बातें जानें.
1. इस मिशन में मुख्य उपग्रह 714 किलोग्राम का रहा. काटोर्सैट-2 सीरीज उपग्रह है जो इसी सीरीज के पहले प्रक्षेपित अन्य उपग्रहों की तरह ही है.
2. इसरो के दो और 101 विदेशी अति सूक्ष्म (नैनो) उपग्रहों का भी प्रक्षेपण किया गया. ये कुल मिलाकर 664 किलोग्राम के हैं.
3. विदेशी उपग्रहों में 96 अमेरिका के तथा इजरायल, कजाखिस्तान, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात के एक-एक हैं.
4. इसरो के इस मिशन में सैन फ्रांसिस्को की एक कंपनी के 88 छोटे सैटेलाइट लांच किया गया.
5. भारत की ओर से विकसित ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान इसरो का सबसे विश्वस्त रॉकेट है. पीएसएलवी-सी 37 इस श्रेणी के रॉकेट का 39वां मिशन है.
6. इसरो के चेयरमैन एएस किरण कुमार ने बताया कि एक उपग्रह का वजन 730 किलो का है, जबकि बाक़ी के दो का वजन 19-19 किलो है.
7. कार्टोसेट-2 सीरीज का उपग्रह धरती की निगरानी के इस्तेमाल में आएगा. इसके अलावा दो नैनो उपग्रह आईएनएस-1ए और आईएनएस-1बी को भी कक्षा में स्थापित किया.
8. इसरो ने इस मिशन में सबसे भारी पीएसएलवी का इस्तेमाल किया है. पीएसएलवी-37 का वजन 320 टन, ऊंचाई 44.4 मीटर है.
9. मिशन पर भेजे गए 88 छोटे सैटेलाइटों का इस्तेमाल धरती की तस्वीरों के लिए किया जाएगा.
10. इसरो का यह रॉकेट 15 मंजिला इमारत जितना ऊंचा है.
1. इस मिशन में मुख्य उपग्रह 714 किलोग्राम का रहा. काटोर्सैट-2 सीरीज उपग्रह है जो इसी सीरीज के पहले प्रक्षेपित अन्य उपग्रहों की तरह ही है.
2. इसरो के दो और 101 विदेशी अति सूक्ष्म (नैनो) उपग्रहों का भी प्रक्षेपण किया गया. ये कुल मिलाकर 664 किलोग्राम के हैं.
3. विदेशी उपग्रहों में 96 अमेरिका के तथा इजरायल, कजाखिस्तान, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात के एक-एक हैं.
4. इसरो के इस मिशन में सैन फ्रांसिस्को की एक कंपनी के 88 छोटे सैटेलाइट लांच किया गया.
5. भारत की ओर से विकसित ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान इसरो का सबसे विश्वस्त रॉकेट है. पीएसएलवी-सी 37 इस श्रेणी के रॉकेट का 39वां मिशन है.
6. इसरो के चेयरमैन एएस किरण कुमार ने बताया कि एक उपग्रह का वजन 730 किलो का है, जबकि बाक़ी के दो का वजन 19-19 किलो है.
7. कार्टोसेट-2 सीरीज का उपग्रह धरती की निगरानी के इस्तेमाल में आएगा. इसके अलावा दो नैनो उपग्रह आईएनएस-1ए और आईएनएस-1बी को भी कक्षा में स्थापित किया.
8. इसरो ने इस मिशन में सबसे भारी पीएसएलवी का इस्तेमाल किया है. पीएसएलवी-37 का वजन 320 टन, ऊंचाई 44.4 मीटर है.
9. मिशन पर भेजे गए 88 छोटे सैटेलाइटों का इस्तेमाल धरती की तस्वीरों के लिए किया जाएगा.
10. इसरो का यह रॉकेट 15 मंजिला इमारत जितना ऊंचा है.
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