पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह.
चंडीगढ़:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने बुधवार को कहा कि अमृतसर हमले (Amritsar Attack) को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अंजाम दिया. उन्होंने कहा कि जिस ग्रेनेड से हमला हुआ वह भी 'मेड इन पाकिस्तान' था. बता दें कि रविवार को अमृतसर में निरंकारी मिशन के कार्यक्रम में हुए ग्रेनेड विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, "इसमें कोई सांप्रदायिक पहलू नहीं है..यह साफ-साफ आतंकवाद का मामला है. उन्हें निशाना बनाया गया, क्योंकि वे आसान निशाना थे. हमें अतीत में अन्य संगठनों को निशाना बनाए जाने की सूचनाएं मिली थीं, लेकिन एहतियाती कदम उठाकर उन्हें रोक लिया गया था.'
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बता दें कि पंजाब पुलिस ने अमृतसर के पास निरंकारी मिशन में हुए धमाके के मामले में दो आरोपियों में से एक बिक्रमजीत सिंह को गिरफ़्तार कर लिया है. अमरिंदर सिंह ने कहा कि दूसरा आरोपी अवतार सिंह को भी जल्द ही पकड़ा जाएगा. अमरिंदर ने कहा कि ये पूरी तरह से तंकवादी हमला था. उन्होंने कहा कि ये आतंकी सिर्फ मोहरे थे. इनका मास्टरमाइंड पाकिस्तान में बैठा है जिसे ISI ऑपरेट कर रही है.
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बता दें कि एनआईए की एक टीम रविवार की रात जांचकर्ताओं और विस्फोटक विशेषज्ञों के साथ मौके पर गई थी. उन्होंने पंजाब पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ भी चर्चा की. अमरिंदर सिंह ने कहा था कि इस हमले की तुलना 1978 के निरंकारी संघर्ष के साथ नहीं जा सकती, क्योंकि वह एक धार्मिक मामला था और यह घटना पूरी तरह से आतंकवाद का मामला है. बता दें कि 13 अप्रैल 1978 को अमृतसर में संत निरंकारी मिशन और सिखों के बीच हुई हिंसा में 13 लोगों की मौत हो गई थी.
VIDEO : अमृतसर के निरंकारी भवन पर हमले के पीछे क्या आईएसआई का हाथ
अमरिंदर सिंह घायलों से मिलने के लिए अस्पताल गए और हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए नौकरियों और घायलों के मुफ्त उपचार तथा 50,000 रुपये की मदद की घोषणा की थी. संत निरंकारी मिशन ने एक बयान में कहा था कि संत निरंकारी मंडल इस घटना में सभी प्रभावित भाइयों और बहनों के साथ हर संभव तरीके से खड़े होने का वादा करता है. संत निरंकारी मंडल की कार्यकारी समिति के सदस्यों की एक टीम मृतकों और घायल श्रद्धालुओं के परिवारों से मुलाकात कर रही है.
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बता दें कि पंजाब पुलिस ने अमृतसर के पास निरंकारी मिशन में हुए धमाके के मामले में दो आरोपियों में से एक बिक्रमजीत सिंह को गिरफ़्तार कर लिया है. अमरिंदर सिंह ने कहा कि दूसरा आरोपी अवतार सिंह को भी जल्द ही पकड़ा जाएगा. अमरिंदर ने कहा कि ये पूरी तरह से तंकवादी हमला था. उन्होंने कहा कि ये आतंकी सिर्फ मोहरे थे. इनका मास्टरमाइंड पाकिस्तान में बैठा है जिसे ISI ऑपरेट कर रही है.
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बता दें कि एनआईए की एक टीम रविवार की रात जांचकर्ताओं और विस्फोटक विशेषज्ञों के साथ मौके पर गई थी. उन्होंने पंजाब पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ भी चर्चा की. अमरिंदर सिंह ने कहा था कि इस हमले की तुलना 1978 के निरंकारी संघर्ष के साथ नहीं जा सकती, क्योंकि वह एक धार्मिक मामला था और यह घटना पूरी तरह से आतंकवाद का मामला है. बता दें कि 13 अप्रैल 1978 को अमृतसर में संत निरंकारी मिशन और सिखों के बीच हुई हिंसा में 13 लोगों की मौत हो गई थी.
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अमरिंदर सिंह घायलों से मिलने के लिए अस्पताल गए और हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए नौकरियों और घायलों के मुफ्त उपचार तथा 50,000 रुपये की मदद की घोषणा की थी. संत निरंकारी मिशन ने एक बयान में कहा था कि संत निरंकारी मंडल इस घटना में सभी प्रभावित भाइयों और बहनों के साथ हर संभव तरीके से खड़े होने का वादा करता है. संत निरंकारी मंडल की कार्यकारी समिति के सदस्यों की एक टीम मृतकों और घायल श्रद्धालुओं के परिवारों से मुलाकात कर रही है.
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