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This Article is From Aug 10, 2017

शरद यादव के सामने है खुद को 'जॉर्ज फर्नांडीज' न बनने देने की चुनौती

एनडीटीवी से खास बातचीत में शरद यादव ने बताया कि वह उन्होंने कहा कि वे 10 अगस्त से 12 अगस्त के बीच बिहार के 7 जिलों में यात्रा कर आम लोगों से जनसंवाद करेंगे.

शरद यादव के सामने है खुद को 'जॉर्ज फर्नांडीज' न बनने देने की चुनौती
शरद यादव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: बिहार में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच जेडीयू के नेता शरद यादव के सामने राजनीतिक अस्तित्व बचाने को लेकर बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. नीतीश ने जिस तरह से आरेजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से रिश्ता तोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई है यह शरद यादव को नागवार गुजरा. एनडीटीवी से खास बातचीत में शरद यादव ने बताया कि वह उन्होंने कहा कि वे 10 अगस्त से 12 अगस्त के बीच बिहार के 7 जिलों में यात्रा कर आम लोगों से जनसंवाद करेंगे. 17 अगस्त को दिल्ली में सम्मेलन बुलाया है जिसकी थीम है, 'साझा विरासत बचाओ सम्मेलन'. वहीं जेडीयू की ओर से कहा जा रहा है कि शरद यादव को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे यह लगे कि वह पार्टी के खिलाफ काम कर रहे हैं. गौरतलब है कि पहले ऐसा लग रहा था कि शरद यादव पार्टी तोड़कर कोई नया दल बना लेंगे लेकिन जेडीयू जिस तरह से नीतीश कुमार के पीछे खड़ी दिखाई दी उससे शरद यादव को यह फैसला बदलना पड़ गया होगा. वहीं आरजेडी सुप्रीमो की पूरी कोशिश है कितनी जल्दी शरद यादव का नाता जेडीयू से टूट जाए. वह एक बार मीडिया से भी कह चुके हैं कि शरद यादव उनके संपर्क में हैं.

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कहीं 'जॉर्ज फर्नाडींज' बनकर न रह जाएं शरद यादव
पार्टी से बगावत कर खुद को राजनीति में ज्यादा देर तक खड़ा रख पाना सबके बूते की बात नहीं है. जॉर्ज फर्नाडींज के पास शरद यादव से ज्यादा जनाधार था.  पार्टी ने उनको लोकसभा का टिकट नहीं दिया तो वह विद्रोह कर बैठे और निर्दलीय चुनाव लड़ गए.  नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया.  लेकिन बाद में उनको राज्यसभा भेज दिया गया. लेकिन एक हकीकत यह भी है कि जार्ज जैसा समर्थन शरद यादव के पास नहीं है लेकिन शरद राजनीति के कम खिलाड़ी नहीं है. फिर भी देखने वाली बात यह होगी कि शरद यादव कैसे खुद को 'जॉर्ज फर्नांडीज' बनने से बचाते हैं.  वैसे खबर यह है कि शरद यादव फैसला कर चुके हैं कि 10 अगस्त को शुरू हो रही यात्रा में  नीतीश कुमार के 'धोखे' के बारे में जनता को बताएंगे तो दूसरी जेडीयू अपने कार्यकर्ताओं को इस बात का संदेश दे चुकी है कि वह शरद की इस यात्रा का विरोध करें.

Video : कार्रवाई को तैयार है जेडीयू 
जार्ज और शरद में है एक समानता
बिहार को केंद्र बनाकर राजनीति करने वाले जार्ज और शरद यादव के बीच एक बड़ी समानता यह है कि दोनों ही इस राज्य के रहने वाले नहीं है. जार्ज का जन्म मंगलूर में हुआ था तो शरद यादव मूल रूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. यह दोनों ही नेता समाजवादी विचारधारा वाली पृष्ठभूमि के रहे हैं. पार्टी से बगवात के बाद जॉर्ज फर्नांडीज राजनीति के बियाबान में खो गए. कहीं शरद यादव भी उसी राह पर तो नहीं चल पड़े हैं.

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