आयकर विभाग ने भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के स्वामित्व वाली पेंटिग्स की मंगलवार को हुई नीलामी से 59.37 करोड़ रूपये हासिल किए. विभाग ने उसकी कुल 68 पेंटिग्स को नीलामी लगवाई. मोदी पर विभाग का 97 करोड़ रूपये बकाया है. विभाग ने नीलामी के लिए निजी नीलामी कंपनी की मदद ली. इस काम के लिए कंपनी को कमीशन देने के बाद विभाग के खाते में 54.84 करोड़ रूपये आयेंगे. इन पेंटिग्स में महान चित्रकार राजा रवि वर्मा, वीएस गायतोंडे, एफएन सूजा, जगन चौधरी और अकबर पद्मसी की कलाकृतियां शामिल हैं. मोदी इस समय लंदन की जेल में है.
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नीरव के प्रत्यर्पण में कितना समय?
लंदन में गिरफ्तार भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी(Nirav Modi) को भारत लाना अभी आसान नहीं है. कई प्रक्रियाएं पूरी करनी होगीं. ब्रिटेन के एक शीर्ष कानून विशेषज्ञ ने बुधवार को कहा कि नीरव के खिलाफ प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू होने में सभवत: लंबा वक्त लग सकता है.वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने 13 मार्च को नीरव मोदी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसके बाद उसे बुधवार को गिरफ्तार किया गया. भारत सरकार ने इसे एक बड़ी जीत बताया है.पिछले सप्ताह भारतीय लोग नीरव मोदी को ऑस्ट्रिच के चमड़े के जैकेट पहने लंदन में बेपरवाह तरीके से घूमते देख चकित रह गए थे.
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मोदी की गिरफ्तारी की खबर से सत्तारूढ़ भाजपा काफी उत्साहित है.जयवाला एंड कंपनी. एलएलपी, ब्रिटेन के संस्थापक-वरिष्ठ साझेदार सरोश जयवाला ने कहा, "13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले में मोदी को प्रत्यर्पित करने के लिए वारंट जारी करना पहला कदम था."जयवाला ने कहा, "गिरफ्तारी वारंट से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि अदालत इस बात से संतुष्ट है कि याचिका में जो बात बताई गई है वह एक प्रत्यर्पण से संबंधित अपराध है. हालांकि प्रोटोकोल के मुताबिक, स्कॉटलैंड यार्ड तबतक प्रत्यर्पण आग्रह को नहीं देखेगा, जबतक आरोपी को अदालत के समक्ष पेश नहीं किया जाएगा."
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कानूनी विशेषज्ञ ने मोदी की गिरफ्तारी के बाद से कहा, "नीरव मोदी का मामला माल्या के मामले की कार्यवाही की तरह दोहराए जाने जैसा है, जिसके अनुसार उसे अस्थायी हिरासत में लिया गया, फिर जमानत की अर्जी दी जाएगी और तब अदालत उनकी याचिका सुनेगा."जयवाला ने कहा, "मोदी के प्रत्यर्पण के आदेश देने के बाद, ब्रिटेन के गृह सचिव फिर से अनुपालन के आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे. इस अवस्था में भी समस्या पैदा हो सकती है, अगर मोदी ने पहले से ही किसी यूरापीय देश की नागरिकता ले रखी हो या उसके पास अंतर्राष्ट्रीय नागरिकता हो."जयवाला ने कहा कि इनसब का कोई फर्क नहीं पड़ेगा अगर मोदी ब्रिटेन में ही जमे रहते हैं, लेकिन विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और अपर देशीय कानूनी पेंचों की वजह से लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है. इसमें समय लग सकता है.
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