मुंबई:
डी-कंपनी के तार क्रिकेट बैटिंग और फिक्सिंग से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। दुबई में बैठे डी-कंपनी के गुर्गे सट्टे का कारोबार चलाते हैं।
बताया जा रहा है कि दुबई से सुनील दुबई नाम का शख्स डी कंपनी के लिए काम करता है। सटोरियों की रवायत है कि सरनेम की जगह उस शहर का नाम लगाते हैं जहां से बैठकर सबसे ज्यादा कारोबार करते हैं।
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर जिस मास्टरमाइंड की ओर इशारा कर रहे हैं दरअसल वह कोई और नहीं सुनील दुबई ही है। लेकिन कहानी सुनील दुबई पर ही खत्म नहीं होती।
आईपीएल में सट्टे का जाल पूरी दुनिया में फैला हुआ है और इसके तार अंडरवर्ल्ड से भी जुड़े हैं।
बता दें कि सुनील दुबई का असली नाम सुनील अभयचंदानी है। यह मुंबई के कोलाबा का रहने वाला है। लेकिन, बाद में सट्टे के कारोबार के लिए दुबई भाग गया। यहां इसके रिश्ते छोटा शकील और अनीस इब्राहीम से हुए।
सुनील के रिश्ते मुंबई के दो बड़े पुलिस अफसरों के साथ भी हैं।
और कहा जा रहा है कि इसी वजह से उसके खिलाफ सिर्फ एक बार ही लुक आउट नोटिस जारी हुआ है।
सुनील दुबई के लिए काम करने वाले देवेन्द्र कोठारी और सोनू जालान अब दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में हैं।
ऐसा नहीं है कि मुंबई पुलिस सिर्फ सुनील दुबई पर मेहरबान हुई। इसके पहले वह एक और बड़े सटोरिये और मास्टरमाइंड जूनियर कोलकाता पर भी इनायत दिखा चुकी है जिसका नाम पाकिस्तान और इंग्लैड की स्पॉट फिक्सिंग में आया है। जूनियर कोलकाता का मुंबई पुलिस की नाक के नीचे से भागना किसी चमत्कार से कम नहीं था, लेकिन, आला पुलिस अफसरों ने अब तक इन मामलों में चुप्पी क्यों साध रखी है ये बड़ा सवाल है।
स्पॉट फिक्सिंग के मामले में पुलिस पुख्ता फोन रिकॉर्ड्स की बात कर रही है। पुलिस का दावा है कि न सिर्फ क्रिकेटरों और बुकीज़ की बल्कि बुकीज के पाकिस्तान और दुबई बात करने के भी सबूत उनके पास हैं।
बताया जा रहा है कि दुबई से सुनील दुबई नाम का शख्स डी कंपनी के लिए काम करता है। सटोरियों की रवायत है कि सरनेम की जगह उस शहर का नाम लगाते हैं जहां से बैठकर सबसे ज्यादा कारोबार करते हैं।
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर जिस मास्टरमाइंड की ओर इशारा कर रहे हैं दरअसल वह कोई और नहीं सुनील दुबई ही है। लेकिन कहानी सुनील दुबई पर ही खत्म नहीं होती।
आईपीएल में सट्टे का जाल पूरी दुनिया में फैला हुआ है और इसके तार अंडरवर्ल्ड से भी जुड़े हैं।
बता दें कि सुनील दुबई का असली नाम सुनील अभयचंदानी है। यह मुंबई के कोलाबा का रहने वाला है। लेकिन, बाद में सट्टे के कारोबार के लिए दुबई भाग गया। यहां इसके रिश्ते छोटा शकील और अनीस इब्राहीम से हुए।
सुनील के रिश्ते मुंबई के दो बड़े पुलिस अफसरों के साथ भी हैं।
और कहा जा रहा है कि इसी वजह से उसके खिलाफ सिर्फ एक बार ही लुक आउट नोटिस जारी हुआ है।
सुनील दुबई के लिए काम करने वाले देवेन्द्र कोठारी और सोनू जालान अब दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में हैं।
ऐसा नहीं है कि मुंबई पुलिस सिर्फ सुनील दुबई पर मेहरबान हुई। इसके पहले वह एक और बड़े सटोरिये और मास्टरमाइंड जूनियर कोलकाता पर भी इनायत दिखा चुकी है जिसका नाम पाकिस्तान और इंग्लैड की स्पॉट फिक्सिंग में आया है। जूनियर कोलकाता का मुंबई पुलिस की नाक के नीचे से भागना किसी चमत्कार से कम नहीं था, लेकिन, आला पुलिस अफसरों ने अब तक इन मामलों में चुप्पी क्यों साध रखी है ये बड़ा सवाल है।
स्पॉट फिक्सिंग के मामले में पुलिस पुख्ता फोन रिकॉर्ड्स की बात कर रही है। पुलिस का दावा है कि न सिर्फ क्रिकेटरों और बुकीज़ की बल्कि बुकीज के पाकिस्तान और दुबई बात करने के भी सबूत उनके पास हैं।
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डी गैंग, दाऊद इब्राहिम, दुबई, आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग, अंकित चव्हाण, अजित चंदीला, एस श्रीसंत, आईपीएल-6, IPL Spot Fixing, Ankit Chavhan, Ajit Chandila, S Shreesanth