पटना:
बिहार में निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से पटना में शनिवार को औद्योगिक विकास सलाहकार परिषद की पहली बैठक में आए उद्यमियों ने बिहार की तारीफ करते हुए निवेशकों के लिए इसे आदर्श क्षेत्र बताया। राज्य सरकार के एक अधिकारी के अनुसार इस बैठक में बुनियादी ढांचे, पर्यटन और ऊर्जा के विकास पर विशेष रूप से चर्चा हुई।
बिहार के बुनियादी ढांचे के विकास पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने राज्य सरकार के उपलब्धियों के साथ-साथ चुनौतियों के बारे में भी चर्चा की। पर्यटन क्षेत्र और विधि व्यवस्था की स्थिति पर भी विषेष चर्चा की गई। बिहार चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष ओपी शाह ने कहा कि राज्य सरकार का यह कदम बहुत अच्छा कदम है। इससे बड़े निवेशकों के मन में जो भ्रांतियां थीं, वह दूर हो गई है तथा वे बिहार को निवेश के लिए आदर्श मान रहे हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में औद्योगिक विकास एवं निवेश के प्रोत्साहन की नीतियों के लिए एक अच्छा मंच प्रदान हुआ। उल्लेखनीय है कि इस समय राज्य सरकार के पास 3 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है, परंतु जमीन पर चार-पांच हजार करोड़ रुपये का ही निवेश हुआ है। पटना में तीन घंटे तक होने वाली इस बैठक का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया।
सरकार के अनुसार बैठक में निवेश के प्रस्तावों की स्वीकृति एवं संसाधनों को उपलब्ध कराने के लिए निवेशकों को सहायता पर विमर्श किया गया। इस बैठक में वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, प्रसिद्घ अर्थशास्त्री इस्सर अहलुवालिया, इंडियन होटल कॉरपोरेशन के अध्यक्ष वाईसी देवेश्वर, एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारिख सहित राज्य के कई मंत्री और उद्योगपति, प्रबंधन क्षेत्र की हस्तियों ने भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि राज्य की सीमा में उद्योग लगाने पर सरकार ने कई सुविधाएं देने की घोषणा की है। इसके लिए 2006 में नई औद्योगिक प्रोत्साहन नीति बनाई गई। उद्यमियों के सलाह और सुझाव के बाद इस नीति में कुछ संशोधनों के साथ 2011 में नई औद्योगिक नीति बनाई गई।
बिहार के बुनियादी ढांचे के विकास पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने राज्य सरकार के उपलब्धियों के साथ-साथ चुनौतियों के बारे में भी चर्चा की। पर्यटन क्षेत्र और विधि व्यवस्था की स्थिति पर भी विषेष चर्चा की गई। बिहार चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष ओपी शाह ने कहा कि राज्य सरकार का यह कदम बहुत अच्छा कदम है। इससे बड़े निवेशकों के मन में जो भ्रांतियां थीं, वह दूर हो गई है तथा वे बिहार को निवेश के लिए आदर्श मान रहे हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में औद्योगिक विकास एवं निवेश के प्रोत्साहन की नीतियों के लिए एक अच्छा मंच प्रदान हुआ। उल्लेखनीय है कि इस समय राज्य सरकार के पास 3 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है, परंतु जमीन पर चार-पांच हजार करोड़ रुपये का ही निवेश हुआ है। पटना में तीन घंटे तक होने वाली इस बैठक का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया।
सरकार के अनुसार बैठक में निवेश के प्रस्तावों की स्वीकृति एवं संसाधनों को उपलब्ध कराने के लिए निवेशकों को सहायता पर विमर्श किया गया। इस बैठक में वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, प्रसिद्घ अर्थशास्त्री इस्सर अहलुवालिया, इंडियन होटल कॉरपोरेशन के अध्यक्ष वाईसी देवेश्वर, एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारिख सहित राज्य के कई मंत्री और उद्योगपति, प्रबंधन क्षेत्र की हस्तियों ने भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि राज्य की सीमा में उद्योग लगाने पर सरकार ने कई सुविधाएं देने की घोषणा की है। इसके लिए 2006 में नई औद्योगिक प्रोत्साहन नीति बनाई गई। उद्यमियों के सलाह और सुझाव के बाद इस नीति में कुछ संशोधनों के साथ 2011 में नई औद्योगिक नीति बनाई गई।
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