नई दिल्ली:
अनियमितताओं के आरोपों के बाद पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई दो रक्षा खरीदारी प्रक्रियाएं जांच के दायरे में हैं।
बेल्जियम की एक फर्म से विमानरोधी गोला-बारूद की खरीदारी की प्रक्रिया रक्षा मंत्रालय की जांच के दायरे में हैं जबकि ‘आर्म्ड रिकवरी ऐंड रिपेयर वेहिकल्स’ (एआरआरवी) के निर्माण से जुड़े एक अन्य सौदे की जांच कथित रूप से पोलैण्ड के अधिकारी कर रहे हैं।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि पहले मामले में सेना ने संचालनात्मक आवश्यकताओं की पूर्ति के उद्देश्य से रूस निर्मित जेडयू-23 विमान-रोधी तोपों की गोला-बारूद की खरीदारी के लिए जनरल वीके सिंह के कार्यकाल के दौरान पिछले साल निविदा जारी की थी।
सूत्रों ने बताया कि इस निविदा में बुल्गारिया की फर्म सबसे कम बोली पेश करने वाली बोलीकर्ता के रूप में उभरी। बहरहाल, इससे पहले कि करार को अंतिम रूप दिया जाता, यह पता चला कि कंपनी कोई गोला-बारूद नहीं बनाती। उन्होंने बताया कि इस सौदे के संबंध में रक्षा मंत्रालय आरोपों की जांच कर रहा है।
बेल्जियम की एक फर्म से विमानरोधी गोला-बारूद की खरीदारी की प्रक्रिया रक्षा मंत्रालय की जांच के दायरे में हैं जबकि ‘आर्म्ड रिकवरी ऐंड रिपेयर वेहिकल्स’ (एआरआरवी) के निर्माण से जुड़े एक अन्य सौदे की जांच कथित रूप से पोलैण्ड के अधिकारी कर रहे हैं।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि पहले मामले में सेना ने संचालनात्मक आवश्यकताओं की पूर्ति के उद्देश्य से रूस निर्मित जेडयू-23 विमान-रोधी तोपों की गोला-बारूद की खरीदारी के लिए जनरल वीके सिंह के कार्यकाल के दौरान पिछले साल निविदा जारी की थी।
सूत्रों ने बताया कि इस निविदा में बुल्गारिया की फर्म सबसे कम बोली पेश करने वाली बोलीकर्ता के रूप में उभरी। बहरहाल, इससे पहले कि करार को अंतिम रूप दिया जाता, यह पता चला कि कंपनी कोई गोला-बारूद नहीं बनाती। उन्होंने बताया कि इस सौदे के संबंध में रक्षा मंत्रालय आरोपों की जांच कर रहा है।
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