प्रतीकात्मक फोटो.
श्रीनगर:
कश्मीर घाटी में शुक्रवार को प्रशासन ने इंटरनेट व ब्रॉडबैंड सेवाओं को बंद कर दिया. इसके अलावा प्रशासन ने श्रीनगर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू जैसा प्रतिबंध भी लगा दिया है. अलगाववादियों ने हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के एक साल पूरा होने पर विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया है. इसके मद्देनजर प्रशासन ने यह कदम उठाया है. वुरहान वानी पिछले साल अनंतनाग जिले के कोकेरनाग क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था. बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी 54 दिनों तक अशांत रही. इसमें 94 प्रदर्शनकारियों की जान गई और 200 से ज्यादा घायल हुए. सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं को या तो हिरासत में लिया गया है या उन्हें घर में नजरबंद रखा गया है, ताकि वे घाटी में आहूत विरोध-प्रदर्शनों में हिस्सा नहीं ले सकें.
श्रीनगर के जिला अधिकारी फारूक अहमद लोन ने शहर में पांच पुलिस थानों- रैनावारी, नौहट्टा, एम.आर. गंज, खानयार, सफा कदल के अंतर्गत आने वाले इलाकों में प्रतिबंध लगा दिए हैं. कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) मुनीर अहमद खान ने मोबाइल और लैंडलाइन ब्रॉडबैंड कनेक्शन पर अनिश्चितकाल के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करने के निर्देश दिए हैं. गौरतलब है कि 8 जुलाई 2016 को सुरक्षाबलों ने हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी को मार गिराया था. तब कश्मीर में पत्थरबाजी का दौर शुरू हुआ था जो कई महीनों तक जारी रहा था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
श्रीनगर के जिला अधिकारी फारूक अहमद लोन ने शहर में पांच पुलिस थानों- रैनावारी, नौहट्टा, एम.आर. गंज, खानयार, सफा कदल के अंतर्गत आने वाले इलाकों में प्रतिबंध लगा दिए हैं. कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) मुनीर अहमद खान ने मोबाइल और लैंडलाइन ब्रॉडबैंड कनेक्शन पर अनिश्चितकाल के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करने के निर्देश दिए हैं. गौरतलब है कि 8 जुलाई 2016 को सुरक्षाबलों ने हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी को मार गिराया था. तब कश्मीर में पत्थरबाजी का दौर शुरू हुआ था जो कई महीनों तक जारी रहा था.
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