प्रतीकात्मक तस्वीर...
मुंबई:
उनके शिकार कोई आम आदमी नहीं, बल्कि डॉक्टर, इंजीनियर और एमबीए प्रोफेशनल्स थे. विदेशों में करोड़ों के पैकेज वाली नौकरी पाने के लालच में वो आसानी से उनके झांसे में आ भी जाते थे.
और जब तक सभी को ठगे जाने का एहसास होता तब तक शातिर ठग दफ्तर और मोबाइल फोन बंद कर फरार हो चुके होते थे, लेकिन उनकी सारी चालाकियों के बावजूद मुंबई की अंबोली पुलिस ने आखिरकार उन्हें दबोच ही लिया.
गिरफ्तार आरोपियों के नाम दिव्येश पटेल, रमेश भंडारी, सोहल शर्मा, सलाहुदीन शेख और शाहीन शेख है.
मुबंई पुलिस के एसीपी अरुण चव्हाण ने बताया कि कुल 161 लोगों से ये गिरोह अब तक 2 करोड़ 33 लाख 77 हजार ठग चुका है. गिरोह का सरगना दिव्येश पटेल खुद कभी अमेरिका का ग्रीन कार्ड होल्डर था, लेकिन उसकी धोखेबाज़ आदतों से उसे दो साल पहले ही भारत डिपोर्ट किया गया था. अंबोली में करोडों की ठगी के बाद सभी ने पुलिस से बचने के लिए ठिकाना और मोबाइल फोन बदल लिया था.
अंबोली पुलिस के सहायक पुलिस निरीक्षक दया नायक के मुताबिक, शातिर ठग सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर लोगों को लुभाते और फिर करोड़ों के पैकेज के लालच दे बदले में एक-एक कैंडिडेट से 2 से 3 लाख रुपये वसूलते. खास बात ये कि किराये के दफ्तर का करारनामा और अपनी पहचान के सारे दस्तावेज भी फर्जी जमा करते, ताकि पुलिस उन तक पंहुच ना पाए, लेकिन उनकी सारी चालाकी धरी रह गई और मुबंई में ठगी के बाद अहमदाबाद में भी ठगी का जाल बनाते पकड़े गए.
और जब तक सभी को ठगे जाने का एहसास होता तब तक शातिर ठग दफ्तर और मोबाइल फोन बंद कर फरार हो चुके होते थे, लेकिन उनकी सारी चालाकियों के बावजूद मुंबई की अंबोली पुलिस ने आखिरकार उन्हें दबोच ही लिया.
गिरफ्तार आरोपियों के नाम दिव्येश पटेल, रमेश भंडारी, सोहल शर्मा, सलाहुदीन शेख और शाहीन शेख है.
मुबंई पुलिस के एसीपी अरुण चव्हाण ने बताया कि कुल 161 लोगों से ये गिरोह अब तक 2 करोड़ 33 लाख 77 हजार ठग चुका है. गिरोह का सरगना दिव्येश पटेल खुद कभी अमेरिका का ग्रीन कार्ड होल्डर था, लेकिन उसकी धोखेबाज़ आदतों से उसे दो साल पहले ही भारत डिपोर्ट किया गया था. अंबोली में करोडों की ठगी के बाद सभी ने पुलिस से बचने के लिए ठिकाना और मोबाइल फोन बदल लिया था.
अंबोली पुलिस के सहायक पुलिस निरीक्षक दया नायक के मुताबिक, शातिर ठग सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर लोगों को लुभाते और फिर करोड़ों के पैकेज के लालच दे बदले में एक-एक कैंडिडेट से 2 से 3 लाख रुपये वसूलते. खास बात ये कि किराये के दफ्तर का करारनामा और अपनी पहचान के सारे दस्तावेज भी फर्जी जमा करते, ताकि पुलिस उन तक पंहुच ना पाए, लेकिन उनकी सारी चालाकी धरी रह गई और मुबंई में ठगी के बाद अहमदाबाद में भी ठगी का जाल बनाते पकड़े गए.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
मुंबई, मुंबई पुलिस, अंबोली पुलिस, ठगी का मामला, दया नायक, Mumbai, Mumbai Police, Amboli Police, Cheating Case, Daya Nayak