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This Article is From Jun 30, 2019

अधिकारी को बल्ले से पीटने वाले BJP विधायक आकाश विजयवर्गीय जमानत के बाद हुए रिहा, कहा- जेल में अच्छा समय बीता

भोपाल की विशेष अदालत ने आकाश विजयवर्गीय को जमानत शनिवार को ही दे दी थी. लेकिन 'लॉक-अप' के तय समय तक स्थानीय जेल प्रशासन को उनकी जमानत का अदालती आदेश नहीं मिल पाने के कारण विजयवर्गीय को कारागार में लगातार चौथी रात गुजारनी पड़ी.

अधिकारी को बल्ले से पीटने वाले BJP विधायक आकाश विजयवर्गीय जमानत के बाद हुए रिहा, कहा- जेल में अच्छा समय बीता
भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय.
इंदौर:

भोपाल की स्पेशल कोर्ट से शनिवार को जमानत मिलने के बाद भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय रविवार को जेल से रिहा हो गए. जेल से रिहा होने के बाद आकाश ने कहा कि जेल में अच्छा समय बीता. उन्हें लेने उनके भाई कल्पेश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला और पार्षद चंदू शिंदे पहुंचे थे. आकाश ने कहा कि उनका कण-कण पल-पल जनता के लिए है. आज सुबह 10 बजे उन्हें जेल से रिहा किया जाना था. कार्यकर्ताओं ने इसके लिये जुलूस की योजना बनाई थी, लेकिन जेल और जिला प्रशासन ने कानून व्यवस्था की स्थिति ना बिगड़े इस कारण आकाश को जल्दी छोड़ दिया.

इंदौर नगर निगम के अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटने पर 26 जून के उन्हें गिरफ्तार किया गया था. भोपाल की विशेष अदालत ने भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को जमानत शनिवार को ही दे दी थी. लेकिन 'लॉक-अप' के तय समय तक स्थानीय जेल प्रशासन को उनकी जमानत का अदालती आदेश नहीं मिल पाने के कारण विजयवर्गीय को कारागार में लगातार चौथी रात गुजारनी पड़ी. जेल शब्दावली के मुताबिक नियमित गिनती के बाद कैदियों को कारागार के भीतरी परिसर से दोबारा कोठरी में भेजकर बंद किये जाने को 'लॉक-अप' करना कहा जाता है.

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जिला जेल की अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी ने बताया, 'लॉक-अप के शाम सात बजे के नियत समय तक मुझे विजयवर्गीय को जमानत पर रिहा करने का अदालती आदेश नहीं मिला. लिहाजा जेल मैन्युअल के मुताबिक हमने उन्हें शनिवार रात रिहा नहीं किया.' उन्होंने बताया कि विजयवर्गीय न्यायिक हिरासत के तहत जिला जेल में बुधवार देर शाम से बंद थे. जेल विभाग के अधिकारियों ने नियमित प्रक्रिया का ब्योरा देते हुए बताया कि किसी कैदी को जमानत के आदेश की हार्ड कॉपी संबंधित अदालत का अधिकृत व्यक्ति जेल प्रशासन तक पहुंचाता है. सांध्यकालीन लॉक-अप के तय समय के भीतर इस अदालती आदेश के मिलने पर तय औपचारिकताएं पूरी कर कैदी को उसी दिन रिहा किया जाता है. 

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इस बीच, विजयवर्गीय को जमानत मिलने की खबर मिलने के बाद उनके समर्थक बड़ी तादाद में जिला जेल के बाहर जमा हो गये. लेकिन उन्हें यह जानकर मायूस लौटना पड़ा कि उनके नेता को शनिवार रात जेल से रिहा नहीं किया जा सका. आकाश भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं. शहर के गंजी कम्पाउंड क्षेत्र में एक जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के विरोध के दौरान बुधवार को बड़े विवाद के बाद आकाश ने नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट के बैट से पीट दिया था.

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कैमरे में कैद पिटाई कांड में गिरफ्तारी के बाद विजयवर्गीय को बुधवार को यहां एक स्थानीय अदालत के सामने पेश किया गया था. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद भाजपा विधायक की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके साथ ही, उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत के तहत जिला जेल भेज दिया था. न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद रहने के दौरान भाजपा विधायक को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला जलाने के पुराने मामले में गुरुवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया था.

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पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अघोषित बिजली कटौती को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विजयवर्गीय की अगुवाई में चार जून को शहर के राजबाड़ा चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान यह पुतला जलाया था. लेकिन इस प्रदर्शन के लिये प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गयी थी. लिहाजा विजयवर्गीय और भाजपा के अन्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी के आदेश की अवज्ञा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. 

(इनपुट- एजेंसी से भी)

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