अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और दूसरी कमोडिटीज की कीमतों मैं उछाल की वजह से बढ़ती महंगाई दर के इस दौर में एक नया संकट खड़ा हो गया है. भारत अपनी जरूरत का करीब 60% पाम ऑयल इंडोनेशिया से आयात करता है लेकिन अब 28 अप्रैल से इंडोनेशिया सरकार ने पॉम ऑयल (palm oil) के निर्यात पर सीमित प्रतिबंध लगा दिया है. इस वजह से भारत में खाने-पने के तेल बाजार (edible oil) में है उत्तल पुथल तेज हो गई है. इंडोनेशिया सरकार द्वारा पाम ऑयल के निर्यात पर सीमित प्रतिबंध लगाने के फैसले का असर भारत में खाने-पीने के तेल बाजार पर दिखना शुरू हो गया है. दिल्ली के नया बाजार मंडी में पिछले कई दशकों से खाने-पीने के तेल का थोक व्यापार कर रहे रविंद्र गुलाटी कहते हैं पिछले दो हफ्तों में तेल बाजार में उथल-पुथल बड़ी है जिस वजह से पाम ऑयल 8 से ₹10 तक प्रति लीटर महंगा हो गया है.
नया बाजार के थोक तेल व्यापारी रविंद्र गुलाटी ने एनडीटीवी से कहा कि पॉम ऑयल की कीमत में तेजी आई है वनस्पति भी महंगा हुआ है. पामोलिन से जो भी प्रोडक्ट बनते हैं वह सब महंगे हुए हैं. यूक्रेन युद्ध की वजह से सनफ्लावर ऑयल की सप्लाई बाधित हुई है .सनफ्लावर की उपलब्धता घटने से लोग अब सोयाबीन खाने लगे हैं उसकी डिमांड बढ़ी है और कीमत भी. खाने-पीने के तेल के थोक बाजार में इस उथल-पुथल का असर देश के कई अहम शहरों में पैक्ड वनस्पति की खुदरा कीमतों में साफ दिख रहा है. वनस्पति में सबसे ज्यादा पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है.
खाद्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक,वनस्पति महंगा हो गया है. वनस्पति पैक्ड (Packed) 10 अप्रैल से 24 अप्रैल के बीच वनस्पति (Packed) की कीमत देश के सात बड़े शहरों में 13 से 16 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई है. इन दो हफ्तों में वनस्पति की खुदरा कीमत राजकोट में सबसे ज्यादा 140 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 156 रुपये प्रति किलो यानी 16 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. इस दौरान भागलपुर में वनस्पति की कीमत ₹146 प्रति किलो से बढ़कर ₹161 प्रति किलो हो गई है. नागपुर में ₹167 प्रति किलो से बढ़कर 182 रुपये प्रति किलो हो गई है.
मधुबनी में 143 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 158 रुपये प्रति किलो हो गई है. बांदा में 150 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 165 रुपये प्रति किलो कीमत हो गई है. मेरठ में 145 रुपये प्रति किलो से बढ़कर ₹159 प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज हुई है.
एरिया सेल्स मैनेजर कारगिल इंडिया के चौधरी नसीमुद्दीन ने एनडीटीवी से कहा, "इंडोनेशिया में जो एक्सपोर्ट को सीमित किया गया है उसकी वजह से कीमतों में एक बड़ा जब दिख रहा है तेल अफवाह का बाजार है सेंटीमेंट के आधार पर बाजार ऊपर नीचे चल रहा है.
सनफ्लावर ऑयल 6 से ₹7 प्रति लीटर महंगा हुआ है जबकि वनस्पति 8 से ₹10 लीटर पिछले 15 दिन में महंगा हुआ है भारत में खाने-पीने के तेल का करीब 60 से 70 फ़ीसदी आयात होता है अंतरराष्ट्रीय बाजार में उथल-पुथल का असर भारतीय बाजार पर दिख रहा है". जाहिर है कच्चे तेल और दूसरी कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद अब खाने-पीने के तेल बाजार में कीमतों में उथल-पुथल सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है.
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