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भारत के पहले कोविड-19 वैक्सीन के लिए 1100 लोगों पर किया जाएगा परीक्षण, जानें 10 बातें

कोरोना वायरस के लिए वैक्सिन बनाने वाली भारतीय कंपनी भारत बायोटेक की तरफ से शुक्रवार को एक आवेदन दिया गया जिसके अनुसार पहले फेज के लिए परीक्षण अगले सप्ताह से शुरु की जाएगी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

कोरोना वायरस के लिए वैक्सिन बनाने वाली भारतीय कंपनी भारत बायोटेक की तरफ से शुक्रवार को एक आवेदन दिया गया जिसके अनुसार पहले फेज के लिए परीक्षण अगले सप्ताह से शुरु की जाएगी. उम्मीद की जा रही है कि परीक्षण के पहले दो चरण में 1100 लोग हिस्सा लेंगे. प्रथम चरण के परिणाम के अनुसार अगले चरण की शुरुआत की जाएगी.  ICMR (इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च) ने इन परीक्षणों का संचालन करने के लिए 12 संस्थानों का चयन किया है, जिसमें दिल्ली और पटना में AIIMS शामिल हैं.

  1. फेज एक में 375 प्रतिभागी भाग लेंगे. उन्हें 125 के तीन समूहों में विभाजित किया जाएगा और दो खुराकें दी जाएंगी. 14 दिनों तक उनपर नजर रखा जाएगा. पहले चरण के संतोषजनक समापन के बाद आगे के 750 प्रतिभागियों को चरण 2 के ​​परीक्षणों के  के लिए पंजीकृत किया जाएगा.
  2. हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा किए गए आवेदन के अनुसार, फेज I के लिए समय सीमा 28 दिन है, जिसका मतलब है कि 15 अगस्त तक टीका जारी करने के सरकार के वादे को पूरा करने के लिए परीक्षण 18 जुलाई तक शुरू हो जाएगा.
  3. यह तय नहीं है लेकिन  COVID-19 वैक्सीन तीन फेज के परीक्षण में से  एक को समाप्त करने के बाद ही जारी किया जा सकता है. आमतौर पर, सुरक्षा के लिए पहला दो परीक्षण जरूरी होता है. जबकि तीसरा उसके  प्रभावकारिता के लिए आवश्यक है.  तीनों फेज के पूरा होने में महीनों या साल लग सकते हैं.
  4. परीक्षण की अनुमानित अवधि को लेकर एक सवाल के जवाब में  भारत बायोटेक की तरफ से कहा गया है कि अनुमानत: एक वर्ष 3 महीने का समय लग सकता है.
  5. 25 जून को CDSCO  (सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन) की एक बैठक में, भारत बायोटेक ने कहा कि उसने पहले से ही चूहे और खरगोशों पर सुरक्षा और इम्युनोजेनेसिटी परीक्षण किए थे.
  6. भारत बायोटेक ने तब फेज II के लिए आगे बढ़ने से पहले फेज I के परिणामों को भारत के DGCI ड्रग कंट्रोलर जनरल को सौंप दिया था और RT-PCR परीक्षण का उपयोग "स्क्रीनिंग के दौरान COVID-19 के लिए पुष्टिकरण परीक्षण" के रूप में किया था. 
  7. फेज I, II परीक्षणों के लिए ICMR द्वारा चुने गए 12 अस्पतालों और संस्थानों में से सात को अभी तक एक नैतिक समिति द्वारा मंजूरी नहीं दी गई है. इनमें दिल्ली और पटना के प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भी शामिल हैं.
  8. खबरों के अनुसार, भारत बायोटेक के COVAXIN के लॉन्च की समय सीमा "अमेरिकी और चीनी दवा निर्माताओं के अन्य फ्रंट-रनर वैक्सीन प्रयासों की तुलना में कम है, जिनमें से अधिकांश ने महीनों पहले मानव ​​परीक्षण शुरू किया था और अब परीक्षण के तीन चरणों में प्रवेश कर रहे हैं".
  9. रविवार को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक प्रेस बयान जारी किया जिसमें कहा गया था कि दुनिया में 140 कोरोनावायरस वैक्सीन बनाने में लगे कंपनियों में से 11 मानव परीक्षणों कर रहे थे, "इनमें से कोई भी 2021 से पहले बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए तैयार होने की संभावना नहीं है".
  10. दुनिया में वैक्सीन बनाने के दौर में शामिल प्रमुख उम्मीदवारों में से  दो - AZD1222 (ब्रिटिश फर्म एस्ट्राजेनेका) और एमआरएनए -1273 (यूएस-आधारित मॉडर्न) - को फेज II, III परीक्षणों के लिए मंजूरी दे दी गई है.

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