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This Article is From Feb 15, 2019

Pulwama Attack : भारत ने पाकिस्तान से छीना 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का दर्जा, जानिए क्या होगा इसका असर

दरअसल एमएफएन का मतलब है मोस्ट फेवर्ड नेशन, यानी सर्वाधिक तरजीही देश. विश्‍व व्‍यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में सर्वाधिक तरजीह वाला देश (एमएफएन) का दर्जा दिया जाता है.

पुलवामा हमले के बाद CCS की बैठक में पाकिस्तान से MFN का दर्जा छीन लिया गया है

नई दिल्ली:

पुलवामा में सीआरपीएफ पर हमले  40 से ज्यादा जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है. इस हमले को लेकर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति में फैसला लिया गया है कि पाकिस्तान से 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' (MFN) का दर्ज छीन लिया जाएगा. इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की भी रणनीति कूटनीति अपनाई जाएगी. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पूरा देश गुस्से से खौल रहा है और आतंकवादियों ने बड़ी गलती कर दी है, इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. आपको बता दें कि पुलवामा में सीआरपीएफ के 2500 जवानों को ले जा रहे एक काफिल में शामिल वाहन पर आईडी से भरी कार को एक वाहन से लड़ा दिया गया जिससे एक तेज धमाका हुआ और इसमें 40 से ज्यादा जवान शहीद और कई घायल हो गए. इस हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कड़ी निंदा हो रही है. अमेरिका, इजरायल, भूटान और कई देशों ने कहा है कि वह इस घड़ी में भारत के साथ हैं. 

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क्या होता है 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का दर्ज
दरअसल एमएफएन का मतलब है मोस्ट फेवर्ड नेशन, यानी सर्वाधिक तरजीही देश. विश्‍व व्‍यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में सर्वाधिक तरजीह वाला देश (एमएफएन) का दर्जा दिया जाता है. एमएफएन का दर्जा मिल जाने पर दर्जाप्राप्त देश को इस बात का आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.

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क्या लाभ हैं एमएफएन का दर्जा प्राप्त करने लेने में...
गौर करें कि एमएफएन का दर्जा कारोबार में दिया जाता है. इसके तहत आयात-निर्यात में आपस में विशेष छूट मिलती है. यह दर्जाप्राप्त देश कारोबार सबसे कम आयात शुल्क पर होता है.  डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश खुले व्यापार और बाज़ार से बंधे हैं मगर एमएफएन के क़ायदों के तहत देशों को विशेष छूट दी जाती है. सीमेंट, चीनी, ऑर्गेनिक केमिकल, रुई, सब्जियों और कुछ चुनिंद फलों के अलावा मिनरल ऑयल, ड्राई फ्रूट्स, स्टील जैसी कमोडिटीज़ और वस्तुओं का कारोबार दोनों देशों के बीच होता है.

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क्या हैं इसके मायने
पाकिस्तान इस समय बड़ी आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है और भारत के साथ उसका अच्छा खासा व्यापार होता रहा है. सीमा पर कितना भी तनाव रहा हो लेकिन व्यापार पर कुछ असर नहीं पड़ता रहा है. इस फैसले से पाकिस्तान को आर्थिक चोट पहुंचनी तय है. लेकिन एक पक्ष यह भी कहता है कि भारत अगर मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म करता है तो हो सकता है कि पाकिस्तान अपनी तरफ से भारत के साथ व्यापार ही रोक दे. ऐसे में घाटा भारत को हो सकता है लेकिन पुलवामा के हमले बाद ऐसा लग रहा है कि भारत  आर्थिक नुकसान सहकर पाकिस्तान को बख्शने के मूड में नहीं है.

 

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