
कार्रवाई के बाद अरमार अपने बड़े भाई के साथ पाकिस्तान भाग गया (प्रतीकात्मक चित्र)
- US की वैश्विक आतंकी की सूची में मोहम्मद शफी अरमार शामिल
- मोहम्मद शफी अरमार कर्नाटक के भटकल का रहने वाला है
- अरमार को छोटा मौलो, अंजन भाईे नाम से भी जाना जाता है
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नई दिल्ली:
भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकी समूह आईएसआईएस के लिए भर्ती करने वाले मोहम्मद शफी अरमार को अमेरिका ने विशेष वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है. अमेरिकी विदेश विभाग ने विशेष वैश्विक आतंकी की अपनी सूची में अरमार को शामिल किया और इसके साथ ही उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाने का रास्ता साफ हो गया. अरमार कर्नाटक के भटकल का रहने वाला है.
30 साल के अरमार के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका है. अरमार को छोटा मौलो, अंजन भाईे और यूसुफ अल-हिंदे नाम से भी जाना जाता है.
अरमार का नाम अब अमेरिकी विदेश विभाग की विशेष इकाई के विदेशी आतंकवाद नियंत्रण कार्यालय की सूची में जोड़ दिया गया है जो खासकर देशों एवं आतंकी एवं मादक पदार्थ तस्करों के व्यक्ति समूहों पर आथर्कि प्रतिबंध लगाता है.
ये प्रतिबंध अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आतंकियों पर रोक एवं व्यापार प्रतिबंध का इस्तेमाल करते हुए व्यापक या चुनिंदा दोनों हो सकते हैं.
ऐसा कहा जाता है कि भारतीय मुजाहिदीन सदस्यों पर कार्रवाई के बाद अरमार अपने बड़े भाई के साथ पाकिस्तान भाग गया और बाद में वहां अंसार उल-तौहीद नाम के एक संगठन का गठन किया जो बाद में आईएसआईएस से जुड़ गया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
30 साल के अरमार के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका है. अरमार को छोटा मौलो, अंजन भाईे और यूसुफ अल-हिंदे नाम से भी जाना जाता है.
अरमार का नाम अब अमेरिकी विदेश विभाग की विशेष इकाई के विदेशी आतंकवाद नियंत्रण कार्यालय की सूची में जोड़ दिया गया है जो खासकर देशों एवं आतंकी एवं मादक पदार्थ तस्करों के व्यक्ति समूहों पर आथर्कि प्रतिबंध लगाता है.
ये प्रतिबंध अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आतंकियों पर रोक एवं व्यापार प्रतिबंध का इस्तेमाल करते हुए व्यापक या चुनिंदा दोनों हो सकते हैं.
ऐसा कहा जाता है कि भारतीय मुजाहिदीन सदस्यों पर कार्रवाई के बाद अरमार अपने बड़े भाई के साथ पाकिस्तान भाग गया और बाद में वहां अंसार उल-तौहीद नाम के एक संगठन का गठन किया जो बाद में आईएसआईएस से जुड़ गया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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