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This Article is From Jan 17, 2019

ISRO की सैटेलाइट से जुड़े भारतीय रेलवे के इंजन, अब आसानी से मिलेगी ट्रेन के समय की सटीक जानकारी

अगर आप ज्यादातर ट्रेन का सफर करते हैं, तो यकीन मानिए आप जैसे रेलयात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है. भारतीय रेलवे ने इसरो के साथ मिलकर कुछ ऐसा किया है कि अब आपको ट्रेन की स्थिति की जानकारी आसानी से मिल जाएगी.

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ISRO की सैटेलाइट से जुड़े भारतीय रेलवे के इंजन, अब आसानी से मिलेगी ट्रेन के समय की सटीक जानकारी
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

अगर आप ज्यादातर ट्रेन का सफर करते हैं, तो यकीन मानिए आप जैसे रेलयात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है. भारतीय रेलवे ने इसरो के साथ मिलकर कुछ ऐसा किया है कि अब आपको ट्रेन की स्थिति की जानकारी आसानी से मिल जाएगी. दरअसल, रेलवे ने अपने इंजन को इसरो के उपग्रह से जोड़ दिया है, जिससे उपग्रहों से मिली जानकारी से ट्रेन के बारे में पता लगाना, उसके आगमन और प्रस्थान स्वत: दर्ज होना आसान हो गया है.

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, 'नए साल में एक नई शुरुआत की गई है. ट्रेन के आवागमन की सूचना प्राप्त करने और कंट्रोल चार्ट में दर्ज करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उपग्रह आधारित रियल टाइम ट्रेन इन्फोरमेशन सिस्टम (आरटीआईएस) से स्वत: उपयोग किया जाने लगा है.'

अधिकारी ने बताया कि यह प्रणाली आठ जनवरी को श्रीमाता वैष्णो देवी-कटरा बांद्रा टर्मिनस, नई दिल्ली-पटना, नई दिल्ली-अमृतसर और दिल्ली-जम्मू रूट पर कुछ मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए अमल में लाई गई. उन्होंने कहा कि नई प्रणाली से रेलवे को अपने नेटवर्क में ट्रेनों के संचालन के लिए अपने कंट्रोल रूप, रेलवे नेटवर्क को आधुनिक बनाने में मदद मिलेगी. 

अधिकारी ने कहा, 'इस कदम का मकसद ट्रेनों के परिचालन की सही सूचना में आगे सुधार लाना है.' उन्होंने बताया कि इंजन में आरटीआईएस युक्ति (डिवाइस) से इसरो द्वारा विकसित गगन जियो पोजीशनिंग सिस्टम का इस्तेमाल करके ट्रेनों की चाल और पोजीशन के बारे में पता लगाया जाता है. 

उन्होंने कहा, "सूचना और तर्क के अनुप्रयोग के आधार पर युक्ति ट्रेन के आवागमन (आगमन/प्रस्थान/तय की गई दूरी/ अनिर्धारित ठहराव और सेक्शन के बीच की जानकारी) की ताजा जानकारी इसरो के एस-बैंड मोबाइल सैटेलाइट सर्विस (एमएसएस) का उपयोग करके सीआरआईएस डाटा सेंटर में सेंट्रल लोकेशन सर्वर को भेजती है."

सीएलएस में प्रोसेसिंग के बाद इस सूचना को कंट्रोल ऑफिस एप्लीकेशन (सीओए) सिस्टम को भेजा जाता है, जिससे बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के कंट्रोल चार्ट स्वत: अपडेट होता है. अधिकारी ने बताया कि पहले ट्रेन के परिचालन की स्थिति की जानकारी मैनुअली अपडेट की जाती थी. 

VIDEO : रोका जा सकता था हादसा

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