यह ख़बर 15 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

इस्राइली कार बम धमाका : भारतीय भी शामिल!

खास बातें

  • जांचकर्ताओं का मानना है कि हमले से पहले इसका रिहर्सल भी किया गया था। साथ ही जांच इस ओर भी इशारा कर रही है कि मकसद इस्राइली उच्चायोग के किसी भी आदमी को मारना भर था।
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री आवास के समीप इस्राइली दूतावास की कार पर सोमवार को हुए बम हमले के मामले में पुलिस को अब तक कोई सफलता नहीं मिली है हालांकि हमलावर तथा एक लाल मोटरसाइकिल की तलाश जोर शोर से जारी है। जांचकर्ताओं को लगने लगा है कि इस हमले में किसी भारतीय की मदद ली गई है। उनका मानना है कि हमले से पहले इसका रिहर्सल भी किया गया था। साथ ही जांच इस ओर भी इशारा कर रही है कि मकसद इस्राइली उच्चायोग के किसी भी आदमी को मारना भर था।

जांचकर्ता इस हमले की सुराग की तलाश के लिए बारीकी से जांच कर रहे हैं जो पिछले महीने ईरान के एक परमाणु वैज्ञानिक पर हुए हमले के समान है।

जांचकर्ता उस लाल मोटरसाइकिल की तलाश कर रहे हैं जिसका इस्तेमाल हमलावरों ने इस्राइली राजनयिक के टोएटा इनोवा कार में बम लगाने के लिए किया था। इस तरह की एक मोटरसाइकिल दक्षिण दिल्ली के लाडो सराय में मिली है लेकिन इस घटना से इसका संबंध स्थापित नहीं किया जा सका है।

भारत में ईरान के राजदूत मेहदी नबीजादेह ने कहा कि उनका देश न तो इस्राइल के आरोपों को स्वीकार कर रहा है और न ही इससे इंकार कर रहा है। इस्राइल ने अपने राजनयिक पर हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है।

ईरान के राजदूत ने कहा कि इस मामले की पुष्टि भारत को करना है और वास्तविक स्थिति स्पष्ट करना है। बहरहाल, इस्राइल के एक नौ सदस्यीय दल ने उस कार का निरीक्षण किया जिसे बम विस्फोट का निशाना बनाया गया था जिसमें तान येहोशुआ कोरेन एवं तीन अन्य लोग घायल हो गए थे।

इस दल ने दक्षिण दिल्ली के लोदी कालोनी स्थित विशेष शाखा कार्यालय का भी दौरा किया और उस कार का भी निरीक्षण किया। उन्होंने दूसरे कार को भी देखा जिसे इस घटना में नुकसान पहुंचा था।

सूत्रों ने बताया कि इस्राइली दूतावास की कार पर हमले के लिए इस्तेमाल किए गए बम में 250 ग्राम विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था। हमले में एक राजनयिक सहित चार लोग घायल हो गए थे।

दिल्ली पुलिस इस्राइली जांचकताओं के सहयोग से काम कर रही है और लाल मोटरसाइकिल की तलाश कर रही है जिसका उपयोग हमले के लिए किया गया। पुलिस ने राजधानी में रह रहे ईरानी नागरिकों का ब्यौरा इकट्ठा करना भी शुरु कर दिया है तथा वह केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की रिपोर्ट का इतंजार कर रही है।

जांचकर्ताओं को बम को चिपकाने के लिए इस्तेमाल किए गए उपकरण में चुंबकीय टुकड़े मिले थे लेकिन इसके बारे में सीसीटीवी फुटेज से ज्यादा मदद नहीं मिल सकी। लाल रंग की मोटरसाइकिल रखने वाले पांच लोगों को मंगलवार को हिरासत में लिया गया था लेकिन बाद में छोड़ दिया गया जबकि एक अन्य व्यक्ति जो सीसीटीवी में इस्राइली दूतावास के सामने दिखाई दिया था जांचकर्ताओं के समक्ष उपस्थित हुआ।

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सू़त्रों ने बताया कि वे 12 जनवरी को ईरान के परमाणु वैज्ञानिक पर हुए हमले से जुड़े पहलुओं पर भी गौर कर रहे हैं। दोनों घटनाओं में इसी प्रकार से बम लगाने के लिए मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया गया था।