यह ख़बर 09 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

एक सैनिक का सिर अभी तक नहीं मिल पाया है : सेना

खास बातें

  • सैन्य अधिकारी ने बताया, ‘‘दोनों सैनिकों के शव क्षत-विक्षत हालत में थे। एक का सिर कलम किया हुआ था जबकि दूसरे का सिर वहां नहीं था..यह (एक जवान का सिर) बरामद नहीं हुआ है, शायद वे (पाकिस्तानी) उसे अपने साथ ले गए।’’
राजौरी/नई दिल्ली:

भारतीय सेना ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पार कर घुसे पाकिस्तानी सैनिकों के एक हमले में शहीद हुए हमारे दोनों सैनिकों के शव क्षत-विक्षत हालत में थे और एक सैनिक का सिर अभी तक नहीं मिल पाया है।

25 डिवीजन ब्रिगेडियर के डिप्टी कमांडर जेके तिवारी ने राजौरी में संवाददाताओं को बताया, ‘‘दोनों सैनिकों के शव क्षत-विक्षत हालत में थे। एक का सिर कलम किया हुआ था जबकि दूसरे का सिर वहां नहीं था..यह (एक जवान का सिर) बरामद नहीं हुआ है, शायद वे (पाकिस्तानी) उसे अपने साथ ले गए।’’

उन्होंने बताया कि सेना लांस नायक सुधाकर सिंह का सिर बरामद करने में कामयाब नहीं हुई है। पुंछ सेक्टर के मेंढर इलाके में मंगलवार को हुए हमले में लांस नायक हेमराज के साथ सिंह की भी हत्या कर दी गई थी।

सेना ने मंगलवार को कहा था कि दोनों में एक शव क्षत-विक्षत है जबकि सूत्रों ने बताया कि दोनों सैनिकों के सिर कलम किए हुए थे और इनमें से एक सैनिक का सिर पाकिस्तानी घुसपैठिए अपने साथ ले गए।

दिल्ली स्थित सेना सूत्रों के मुताबिक इस हमले में शामिल पाकिस्तान सेना के कर्मी काले कपड़े पहने हुए थे और उन्होंने नृशंस तरीके से दोनों सैनिकों का सिर कलम कर दिया तथा उनके शव बुरी तरह से क्षत-विक्षत किए हुए थे। तिवारी ने घटना का ब्योरा देते हुए बताया कि 13 राजपूताना राइफल्स के आठ जवान दो गश्ती दलों में ‘एरिया डोमोनिशन पेट्रोलिंग’ (गश्त) पर थे। नियंत्रण रेखा से 600 मीटर अंदर इन दलों के दो जवान आगे थे जबकि छह जवान पीछे थे।

सेना के अधिकारियों ने बताया कि कृष्णा घाटी के उस इलाके में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सरजमीं के दो किलोमीटर अंदर बाड़ लगाई गई है।

तिवारी ने बताया कि हमलावर काले कपड़े पहने हुए थे, उनके पाकिस्तानी स्पेशल फोर्सेज से होने का संदेह है। उन्होंने घने कोहरे और सघन जंगल का फायदा उठाया और घात लगाकर हमला कर दिया।

उन्होंने बताया कि हमलावर गश्ती दल पर करीब आधे घंटे तक गोलीबारी करते रहे। इस बारे में खबरें हैं कि ये पाकिस्तानी सैनिक 29 बलूच रेजीमेंट के थे।

उन्होंने बताया कि गोलीबारी बंद होने के बाद गश्ती दल आगे बढ़ गए और दो जवानों का शव क्षत-विक्षत हालत में देखा। यह घटना नियंत्रण रेखा के पास सोना गली इलाके में हुई।

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मेंढर इलाका संघर्ष विराम का केंद्र है और पिछले एक साल में सीमा पार से इस तरह की करीब 90 घटनाएं हुई है।