
हेग स्थित आईसीजे में भारत-पाकिस्तान ने अपनी दलीलें रखी थीं.(फाइल फोटो)
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भारत पहले भी आईसीजे में पाक के खिलाफ जीत चुका है
1999 में विमान दुर्घटना केस में भारत को मिली थी जीत
उस वक्त पाकिस्तान ने आईसीजे में भारत को घसीटा था
1999 विमान दुर्घटना केस (पाकिस्तान बनाम भारत, 1999)
1999 में भारत ने पाकिस्तान के एक एयरक्राफ्ट को मार गिराया था. उसके चलते दोनों देशों के बीच तनातनी शुरू हो गई. नतीजतन पाकिस्तान ने उसी साल आईसीजे में भारत के खिलाफ केस किया. पाकिस्तान ने अपना पक्ष रखते हुए तर्क दिया कि आईसीजे के पास इस मामले में दखल देने का अधिकार है. दूसरी तरफ भारत ने पाक के विरोध में दलील देते हुए कहा कि उसने अपने आवेदन में दोनों देशों के बीच विवादों से निपटने या संबंधों के लिहाज से हुए समझौतों और संधियों का उल्लेख नहीं किया है. भारत ने अपने पक्ष में शिमला समझौते (1971) को पेश किया. उस समझौते में यह प्रावधान है कि इनके बीच किसी विवाद का समाधान दोनों देशों के बीच ही निपटाया जाएगा.
निर्णय
2000 में आईसीजे ने पाक के आवेदन को खारिज करते हुए भारतीय दलील को सही माना. आईसीजे ने कहा कि शिमला समझौते की भावना के अनुरूप ही इस विवाद का निराकरण दोनों देशों के बीच किया जाना चाहिए और इस मामले में हस्तक्षेप आईसीजे के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. हालांकि साथ ही कोर्ट ने सलाह देते हुए कहा कि दोनों देशों को अपने बीच विवाद का निराकरण शांतिपूर्ण ढंग से करना चाहिए.
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