मैच दौरान हरभजन सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
टीम इंडिया की जिम्बाब्वे के खिलाफ जीत फैन्स के लिए ईद का तोहफा है, लेकिन इस तोहफे के साथ आखिरी T20 मैच से पहले कई सवाल भी खड़े हैं।
भारतीय टीम जिम्बाब्वे दौरे पर आखिरी मैच खेलने को तैयार है। फिलहाल टीम इंडिया के लिए फिक्र की कोई बड़ी बात नहीं नज़र आ रही है। रिकॉर्ड के लिहाज से भारत ने जिम्बाब्वे के खिलाफ अब तक सभी तीन T20 मैच जीते हैं। टीम इंडिया का जिम्बाब्वे में रिकॉर्ड इस बार क्लीन है, लेकिन कोई खिलाड़ी कोई बड़ा धमाल मचाता नहीं दिख रहा।
हरारे में हुए पहले वनडे में टीम इंडिया ने जिम्बाब्वे को सिर्फ 4 रनों से हराया। पहले वनडे में अंबाति रायडू और स्टुअर्ट बिन्नी ने तो तीसरे वनडे में केदार जाधव ने टीम इंडिया की डूबती नैया को उबारा। इन दोनों ही वनडे मैचों में टीम इंडिया के टॉप के बल्लेबाज़ आसानी से विकेट गंवाते नज़र आए।
यही नहीं पहले टी-20 मैच में भी कोई बल्लेबाज़ बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर पाया। ऐसा तब है जब वनडे और टी-20 में दूसरे नंबर की टीम इंडिया वनडे में 11वें और टी20 में 14वें नंबर की जिम्बाब्वे टीम से टक्कर ले रही है। रॉबिन उथप्पा इसके लिए पिच की ओर भी इशारा करते हैं।
रॉबिन उथप्पा बताते हैं कि विकेटकीपिंग के दौरान भी उन्हें विकेट से सटकर खड़ा होना होता है। वह कहते हैं कि यहां की विकेट दूसरे अंतरराष्ट्रीय विकेटों से अलग है।
दूसरे टी20 में कप्तान अजिंक्य रहाणे ने पांच खिलाड़ियों को पहली बार अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच खेलने का मौका दिया। जिम्बाब्वे दौरे को इन खिलाड़ियों के लिए बड़ा मौका माना जा रहा है। ये खिलाड़ी मानते हैं कि इनमें और टीम इंडिया में बराबर खेलने वालों की प्रतिभा में बड़ा फर्क नहीं है।
रॉबिन उथप्पा कहते हैं, मैं इसे भारत की दोयम दर्जे की टीम नहीं कहूंगा। हमारे पास टैलेंट का जो पूल है उसके सहारे अगले 10-15 साल हमारी टीम अच्छा खेल सकती है।
दूसरी तरफ जिम्बाब्वे की टीम अब तक अपने सारे मैच गंवा चुकी है, लेकिन उनमें अब भी जीत का भरोसा कायम है। जिम्बाब्वे टीम के क्रिस मोफु कहते हैं, " हमारे पास खोने को कुछ नहीं है। अगर हम अपना सही गेम खलते हैं तो बात बन सकती है। वैसे भी हमसे कोई जीतने की उम्मीद नहीं कर रहा।"
वैसे तो पलड़ा टीम इंडिया का ही भारी लग रहा है, लेकिन खिलाड़ी यहां अब तक कुछ लीक से हटकर रिकॉर्ड बनाने जैसा कारनामा नहीं कर पाए हैं। ये इन सबके लिए आख़िरी मौक़ा है।
भारतीय टीम जिम्बाब्वे दौरे पर आखिरी मैच खेलने को तैयार है। फिलहाल टीम इंडिया के लिए फिक्र की कोई बड़ी बात नहीं नज़र आ रही है। रिकॉर्ड के लिहाज से भारत ने जिम्बाब्वे के खिलाफ अब तक सभी तीन T20 मैच जीते हैं। टीम इंडिया का जिम्बाब्वे में रिकॉर्ड इस बार क्लीन है, लेकिन कोई खिलाड़ी कोई बड़ा धमाल मचाता नहीं दिख रहा।
हरारे में हुए पहले वनडे में टीम इंडिया ने जिम्बाब्वे को सिर्फ 4 रनों से हराया। पहले वनडे में अंबाति रायडू और स्टुअर्ट बिन्नी ने तो तीसरे वनडे में केदार जाधव ने टीम इंडिया की डूबती नैया को उबारा। इन दोनों ही वनडे मैचों में टीम इंडिया के टॉप के बल्लेबाज़ आसानी से विकेट गंवाते नज़र आए।
यही नहीं पहले टी-20 मैच में भी कोई बल्लेबाज़ बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर पाया। ऐसा तब है जब वनडे और टी-20 में दूसरे नंबर की टीम इंडिया वनडे में 11वें और टी20 में 14वें नंबर की जिम्बाब्वे टीम से टक्कर ले रही है। रॉबिन उथप्पा इसके लिए पिच की ओर भी इशारा करते हैं।
रॉबिन उथप्पा बताते हैं कि विकेटकीपिंग के दौरान भी उन्हें विकेट से सटकर खड़ा होना होता है। वह कहते हैं कि यहां की विकेट दूसरे अंतरराष्ट्रीय विकेटों से अलग है।
दूसरे टी20 में कप्तान अजिंक्य रहाणे ने पांच खिलाड़ियों को पहली बार अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच खेलने का मौका दिया। जिम्बाब्वे दौरे को इन खिलाड़ियों के लिए बड़ा मौका माना जा रहा है। ये खिलाड़ी मानते हैं कि इनमें और टीम इंडिया में बराबर खेलने वालों की प्रतिभा में बड़ा फर्क नहीं है।
रॉबिन उथप्पा कहते हैं, मैं इसे भारत की दोयम दर्जे की टीम नहीं कहूंगा। हमारे पास टैलेंट का जो पूल है उसके सहारे अगले 10-15 साल हमारी टीम अच्छा खेल सकती है।
दूसरी तरफ जिम्बाब्वे की टीम अब तक अपने सारे मैच गंवा चुकी है, लेकिन उनमें अब भी जीत का भरोसा कायम है। जिम्बाब्वे टीम के क्रिस मोफु कहते हैं, " हमारे पास खोने को कुछ नहीं है। अगर हम अपना सही गेम खलते हैं तो बात बन सकती है। वैसे भी हमसे कोई जीतने की उम्मीद नहीं कर रहा।"
वैसे तो पलड़ा टीम इंडिया का ही भारी लग रहा है, लेकिन खिलाड़ी यहां अब तक कुछ लीक से हटकर रिकॉर्ड बनाने जैसा कारनामा नहीं कर पाए हैं। ये इन सबके लिए आख़िरी मौक़ा है।
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