ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे और नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद ब्रिटेन का इरादा भारत के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करने का है. ब्रिटेन ने आज कहा कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था उसकी नैसर्गिग भागीदार है, जिसके साथ मिलकर वह दुनिया में फैल रही संरक्षणवाद की चुनौती से निपटना चाहता है.
ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री लियाम फॉक्स ने भारत के महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी कार्यक्रम को समर्थन की पेशकश की. इसके साथ ही उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.
भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि हम मिलकर दुनिया में पनप रही संरक्षणवाद की चुनौती से निपटें और मुक्त व्यापार के रास्ते में आने वाली अड़चनों को हटाएं.’’ इससे पहले वित्त मंत्री अरण जेटली ने संरक्षणवाद को दूर करने पर जोर देते हुए कहा कि 2,200 अरब डालर की भारतीय अर्थव्यवस्था जैसे-जैसे विस्तार कर रही है यह उतनी ही संरक्षणवाद को लेकर उठती आवाजों से निष्प्रभावी होती जा रही है.
भारत की यात्रा पर आई ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के साथ प्रतिनिधिमंडल में फॉक्स भी शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत के स्वाभाविक भागीदार हैं और आपकी मदद के लिए तैयार हैं. हम आपके श्रमबल को कुशल बनाने, अर्थव्यवस्था में वृद्धि, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ाने तथा विज्ञान एवं शिक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए तैयार हैं.’’ उन्होंने कहा कि दोनों राष्ट्रों के समक्ष यह व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने का स्वर्णिम अवसर है. भौगोलिक रूप से ब्रिटेन और भारत बेशक अलग हैं, लेकिन वाणिज्यिक रूप से हम करीबी भागीदार हैं..हमारे बीच यह साझा समझ है कि व्यापार और निवेश से आर्थिक वृद्धि हासिल होगी और हमारे नागरिकों की समृद्धि बढ़ेगी.
फॉक्स ने बताया कि भारत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में ब्रिटेन का योगदान आठ प्रतिशत है. वहीं भारत, ब्रिटेन में तीसरा सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है.
मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन अपनी प्रौद्योगिकी से भारत को महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल करने में मदद कर सकता है. ‘‘भारत के पास स्मार्ट सिटी परियोजना है, ब्रिटेन ऐसी परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए विश्व में अग्रणी है.’’ फॉक्स ने कहा कि ब्रिटेन सरकार और वहां की अग्रणी कंपनियां प्रौद्योगिकी सम्मेलन में हिस्सा ले रही हैं जिससे भारत को यह बताया जा सके कि ब्रिटेन दुनिया में शोध विकास और इस क्षेत्र में कारोबार बढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री लियाम फॉक्स ने भारत के महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी कार्यक्रम को समर्थन की पेशकश की. इसके साथ ही उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.
भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि हम मिलकर दुनिया में पनप रही संरक्षणवाद की चुनौती से निपटें और मुक्त व्यापार के रास्ते में आने वाली अड़चनों को हटाएं.’’ इससे पहले वित्त मंत्री अरण जेटली ने संरक्षणवाद को दूर करने पर जोर देते हुए कहा कि 2,200 अरब डालर की भारतीय अर्थव्यवस्था जैसे-जैसे विस्तार कर रही है यह उतनी ही संरक्षणवाद को लेकर उठती आवाजों से निष्प्रभावी होती जा रही है.
भारत की यात्रा पर आई ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के साथ प्रतिनिधिमंडल में फॉक्स भी शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत के स्वाभाविक भागीदार हैं और आपकी मदद के लिए तैयार हैं. हम आपके श्रमबल को कुशल बनाने, अर्थव्यवस्था में वृद्धि, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ाने तथा विज्ञान एवं शिक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए तैयार हैं.’’ उन्होंने कहा कि दोनों राष्ट्रों के समक्ष यह व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने का स्वर्णिम अवसर है. भौगोलिक रूप से ब्रिटेन और भारत बेशक अलग हैं, लेकिन वाणिज्यिक रूप से हम करीबी भागीदार हैं..हमारे बीच यह साझा समझ है कि व्यापार और निवेश से आर्थिक वृद्धि हासिल होगी और हमारे नागरिकों की समृद्धि बढ़ेगी.
फॉक्स ने बताया कि भारत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में ब्रिटेन का योगदान आठ प्रतिशत है. वहीं भारत, ब्रिटेन में तीसरा सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है.
मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन अपनी प्रौद्योगिकी से भारत को महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल करने में मदद कर सकता है. ‘‘भारत के पास स्मार्ट सिटी परियोजना है, ब्रिटेन ऐसी परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए विश्व में अग्रणी है.’’ फॉक्स ने कहा कि ब्रिटेन सरकार और वहां की अग्रणी कंपनियां प्रौद्योगिकी सम्मेलन में हिस्सा ले रही हैं जिससे भारत को यह बताया जा सके कि ब्रिटेन दुनिया में शोध विकास और इस क्षेत्र में कारोबार बढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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