बातचीत में शामिल एक अधिकारी ने बताया ‘मिसाइल खरीद के लिए बातचीत पूरी हो चुकी है..
नई दिल्ली:
भारत ने वायु सेना के लिए रूस से एस -400 ट्रिम्फ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए कीमत संबंधी बातचीत पूरी कर ली है. यह पूरा सौदा करीब 40,000 करोड़ रुपए का है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अब दोनों देश अमेरिका के उस कानून के प्रावधानों से बचने के तरीके तलाश रहे हैं जिसके अनुसार रूस के रक्षा अथवा खुफिया प्रतिष्ठानों से लेन देन करने वाले देशों और कंपनियों को दंड देने की बात कही गई है. इस बातचीत में शामिल एक अधिकारी ने बताया ‘मिसाइल खरीद के लिए बातचीत पूरी हो चुकी है. वित्तीय पक्ष पर को अंतिम रूप दे दिया गया है.’
यह भी पढ़ें : चीन ने पाकिस्तान को शक्तिशाली मिसाइल ट्रैकिंग प्रणाली बेची,जो पाक में मिसाइल विकास में तेजी लाएगी
उन्होंने कहा कि इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लदिमीर पुतिन के बीच अक्टूबर में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन से पहले की जा सकती है. अमेरिका ने ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन्स एक्ट’ (सीएएटीएसए) के तहत रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं. इसलिए दोनों पक्ष इस सौदे को अमेरिका के प्रतिबंधों से बचाने के रास्ते तलाश कर रहे हैं. माना जा रहा है यह मुद्दा प्रधानमंत्री की पिछले सप्ताह सोची में पुतिन से मुलाकात के दौरन उठा था. गौरतलब है कि भारत खासतौर पर करीब 4000 किलोमीटर लंबी चीन - भारत सीमा पर अपनी वायु रक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणालियां खरीदना चाहता है. एस -400 प्रणाली एस -300 का उन्नत संस्करण है. अलमाज़-एन्टे द्वारा उत्पादित यह मिसाइल प्रणाली रूस में साल 2007 से सेवा में है.
VIDEO : वायुसेना के विटेंज एयरक्राफ्ट में शामिल हुआ डकोटा
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह भी पढ़ें : चीन ने पाकिस्तान को शक्तिशाली मिसाइल ट्रैकिंग प्रणाली बेची,जो पाक में मिसाइल विकास में तेजी लाएगी
उन्होंने कहा कि इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लदिमीर पुतिन के बीच अक्टूबर में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन से पहले की जा सकती है. अमेरिका ने ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन्स एक्ट’ (सीएएटीएसए) के तहत रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं. इसलिए दोनों पक्ष इस सौदे को अमेरिका के प्रतिबंधों से बचाने के रास्ते तलाश कर रहे हैं. माना जा रहा है यह मुद्दा प्रधानमंत्री की पिछले सप्ताह सोची में पुतिन से मुलाकात के दौरन उठा था. गौरतलब है कि भारत खासतौर पर करीब 4000 किलोमीटर लंबी चीन - भारत सीमा पर अपनी वायु रक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणालियां खरीदना चाहता है. एस -400 प्रणाली एस -300 का उन्नत संस्करण है. अलमाज़-एन्टे द्वारा उत्पादित यह मिसाइल प्रणाली रूस में साल 2007 से सेवा में है.
VIDEO : वायुसेना के विटेंज एयरक्राफ्ट में शामिल हुआ डकोटा
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं