बीजिंग में 6 जनवरी को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक के बाद चीन और पाकिस्तान ने एक संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया था. जिसे भारत सरकार ने खारिज कर दिया है और कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से रहे हैं और रहेंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि हमने 06 फरवरी 2022 को जारी चीन और पाकिस्तान के बीच संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर और तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के संदर्भों का उल्लेख किया है.
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उन्होंने कहा कि हमने हमेशा ऐसे संदर्भों को खारिज किया है और हमारी स्थिति चीन और पाकिस्तान को अच्छी तरह से पता है. इस मामले में भी हम संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को खारिज करते हैं. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से रहे हैं और रहेंगे. हम उम्मीद करते हैं कि संबंधित पक्ष भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे.
We've noted references to J&K & so-called China-Pakistan Economic Corridor in joint statement between China&Pakistan issued on Feb 6. We reject reference to J&K in the joint statement. J&K and Ladakh have been, are & will always remain integral and inalienable parts of India: MEA pic.twitter.com/6CedhrVcG9
— ANI (@ANI) February 9, 2022
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उन्होंने कहा कि हमने तथाकथित सीपीईसी में परियोजनाओं पर चीन और पाकिस्तान को लगातार अपनी चिंताओं से अवगत कराया है, जो कि भारत के क्षेत्र में हैं, जिस पर पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है. हम पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों में अन्य देशों, साथ ही पाकिस्तान का भी यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास का सख्ती से विरोध करते हैं. हम संबंधित पक्षों से इस तरह की गतिविधियों को रोकने की मांग करते हैं.
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