नई दिल्ली:
करगिल विजय दिवस की आज 16वीं वर्षगांठ है। आज ही के दिन 1999 में भारतीय सेना के जवानों ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए करगिल और आसपास की चोटियों पर कब्जा जमाए पाकिस्तानी सेना के जवानों को खदेड़ बाहर किया था। हालांकि इस मुश्किल मुहिम में भारतीय सेना ने क़रीब अपने 500 वीर सपूतों को खो दिया था।
उन शहीदों की याद में आज देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने दिल्ली में अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इन सबके बीच करगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए कैप्टन सौरव कालिया को न्याय के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायलय में केस चलाने की मांग भी जोर पकड़ती जा रही है। इस सिलसिले में कुछ ही दिन पहले चलाए गए एक हस्ताक्षर अभियान के समर्थन में दो लाख से अधिक लोग आ चुके हैं।
कैप्टन कालिया के पिता ने इस केस को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में ले जाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए अभियान चला रखा है। दरअसल करगिल युद्ध के दौरान कैप्टन सौरव कालिया को पाकिस्तान ने बंदी बना लिया था और क्षत-विक्षत हालत में उनका शव लौटाया था।
उन शहीदों की याद में आज देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने दिल्ली में अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इन सबके बीच करगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए कैप्टन सौरव कालिया को न्याय के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायलय में केस चलाने की मांग भी जोर पकड़ती जा रही है। इस सिलसिले में कुछ ही दिन पहले चलाए गए एक हस्ताक्षर अभियान के समर्थन में दो लाख से अधिक लोग आ चुके हैं।
कैप्टन कालिया के पिता ने इस केस को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में ले जाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए अभियान चला रखा है। दरअसल करगिल युद्ध के दौरान कैप्टन सौरव कालिया को पाकिस्तान ने बंदी बना लिया था और क्षत-विक्षत हालत में उनका शव लौटाया था।
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