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This Article is From Apr 14, 2017

दाढ़ी रखने के कारण उसको किया गया सस्‍पेंड, अब ज्‍वाइन करने के ऑफर को ठुकराया...

दाढ़ी रखने के कारण उसको किया गया सस्‍पेंड, अब ज्‍वाइन करने के ऑफर को ठुकराया...
फाइल फोटो
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
2008 में एक मुस्लिम पुलिसकर्मी ने ज्‍वाइन किया
2012 में उसको दाढ़ी रखने के कारण सस्‍पेंड किया गया
सुप्रीम कोर्ट ने उससे दाढ़ी हटाने का आग्रह किया
नई दिल्‍ली: एक मुस्लिम पुलिस कांस्‍टेबल पिछले पांच वर्षों से निलंबित है. उसको महाराष्‍ट्र स्‍टेट रिजर्व पुलिस फोर्स की दाढ़ी नहीं रखने की पॉलिसी के तहत अनुशासनात्‍मक कार्यवाही के कारण निलंबित किया गया था क्‍योंकि उसने दाढ़ी को हटाने से इनकार कर दिया था. दरअसल जहीरूद्दीन शमशुद्दीन बेदादे 16 जनवरी, 2008 को स्‍टेट रिजर्व पुलिस फोर्स में कांस्‍टेबल के रूप में भर्ती हुए. फरवरी, 2012 को जब वह जालना में तैनात थे तो उन्‍होंने अपने कमांडर से दाढ़ी रखने की अनुमति मांगी. मई, 2012 में उसको अनुमति मिल गई. लेकिन पांच महीने बाद ही इस अनुमति को इस आधार पर खारिज कर दिया क्‍योंकि महाराष्‍ट्र के गृह मंत्रालय ने दाढ़ी रखने के संबंध में संशोधित गाइडलाइन जारी किए. इसके तहत उसको दाढ़ी हटाने के लिए कहा गया.

इसके खिलाफ बांबे हाई कोर्ट की औरंगाबाद पीठ में बेदादे ने अपील की. सुनवाई के दौरान राज्‍य की तरफ से कहा गया कि वह अस्‍थाई तौर पर धार्मिक क्रियाकलापों के लिए दाढ़ी रख सकता है. कोर्ट ने सरकार के तर्क को स्‍वीकार किया और दिसंबर 2012 में बेदादे की याचिका खारिज कर दी. उसके बाद जनवरी 2013 में उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. इसी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के रुख से सहमति दिखाते हुए उससे आग्रह किया कि वह चाहे तो अस्‍थाई तौर पर धार्मिक कार्यों के लिए इसे रख सकता है. कोर्ट ने यह भी कहा कि उसको बेदादे से सहानुभूति है और वह फिर से ज्‍वाइन क्‍यों नहीं कर लेते लेकिन बेदादे ने सुप्रीम कोर्ट के ऑफर को ठुकरा दिया.

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