प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
भारत, अमेरिका और जापान की नौसेना जून के दूसरे हफ्ते में जापान के समुद्री इलाके प्रशांत महासागर में मालाबार सीरीज का संयुक्त अभ्यास करने जा रहे है। इस सीरीज का ये तीसरा नौसैनिक अभ्यास है जहां पर तीनों देशों की नौसेना अपनी रणनीतिक धार को और तेज करेंगी।
2007 और 2015 में भी तीनों देश कर चुके हैं साथ में अभ्यास
इससे पहले 2007 में और फिर पिछले साल 2015 में बंगाल की खाड़ी में तीनों देशों की नौसेना ने साथ में अभ्यास किया था। ये अभ्यास जून के अंतिम हफ्ते तक चलेगा । इसमें भारत की ओर से दो स्टेल्थ युद्धपोत सतपुड़ा और सेहाद्री , एक तेल टैंकर शक्ति और मिसाइल कोरवेट क्रिच हिस्सा लेगा। अभ्यास में फोकस पन्डुब्बी विरोधी अभियान पर रहेगा। कोशिश यह रहेगी अगर भविष्य में तीनों देशेों की नौसेना एक साथ किसी अभियान में हिस्सा लेती है तो उससे पहले एक दूसरे के काम का तरीका सीख ले ताकि इकट्ठे होकर कार्रवाई कर सकें।
इस अभ्यास पर चीन जता सकता है ऐतराज
वैसे अब तक चीन की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नही आई है लेकिन उम्मीद है कि इसको चीन आसानी से हजम नही करेगा क्योंकि पनडुब्बी रोधी अभ्यास का सीधा मतलब उसे दिखेगा कि गाहे बगाहे हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियों की मौजूदगी की खबर आती रहती है कही उसको ध्यान में रखकर तो ये अभ्यास नही किया जा रहा है। खास बात ये भी है कि ये तीनों देशों के साथ चीन के सामरिक रिश्ते बेहतर नही है और इसे वो चुनौती के तौर पर हमेशा देखता रहता है।
2007 और 2015 में भी तीनों देश कर चुके हैं साथ में अभ्यास
इससे पहले 2007 में और फिर पिछले साल 2015 में बंगाल की खाड़ी में तीनों देशों की नौसेना ने साथ में अभ्यास किया था। ये अभ्यास जून के अंतिम हफ्ते तक चलेगा । इसमें भारत की ओर से दो स्टेल्थ युद्धपोत सतपुड़ा और सेहाद्री , एक तेल टैंकर शक्ति और मिसाइल कोरवेट क्रिच हिस्सा लेगा। अभ्यास में फोकस पन्डुब्बी विरोधी अभियान पर रहेगा। कोशिश यह रहेगी अगर भविष्य में तीनों देशेों की नौसेना एक साथ किसी अभियान में हिस्सा लेती है तो उससे पहले एक दूसरे के काम का तरीका सीख ले ताकि इकट्ठे होकर कार्रवाई कर सकें।
इस अभ्यास पर चीन जता सकता है ऐतराज
वैसे अब तक चीन की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नही आई है लेकिन उम्मीद है कि इसको चीन आसानी से हजम नही करेगा क्योंकि पनडुब्बी रोधी अभ्यास का सीधा मतलब उसे दिखेगा कि गाहे बगाहे हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियों की मौजूदगी की खबर आती रहती है कही उसको ध्यान में रखकर तो ये अभ्यास नही किया जा रहा है। खास बात ये भी है कि ये तीनों देशों के साथ चीन के सामरिक रिश्ते बेहतर नही है और इसे वो चुनौती के तौर पर हमेशा देखता रहता है।