कोरोना टीके की खरीद और उत्पादन संभावना पर अमेरिकी उद्यमों से बातचीत कर रहा है भारत : विदेश मंत्रालय

भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अमेरिकी उद्यमों के साथ COVID-19 रोधी टीकों की खरीद और बाद में देश में उसके उत्पादन की संभावना के बारे में बातचीत कर रहा है.

कोरोना टीके की खरीद और उत्पादन संभावना पर अमेरिकी उद्यमों से बातचीत कर रहा है भारत : विदेश मंत्रालय

भारत में टीकाकरण 16 जनवरी से शुरू हुआ था. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • भारत में जारी है टीकाकरण अभियान
  • कोवैक्सीन-कोविशील्ड को मिली मंजूरी
  • रूस की स्पूतनिक-वी को भी मिली मंजूरी
नई दिल्ली:

भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अमेरिकी उद्यमों के साथ COVID-19 रोधी टीकों की खरीद और बाद में देश में उसके उत्पादन की संभावना के बारे में बातचीत कर रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने डिजिटल माध्यम से साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी. उनसे अमेरिका समेत अन्य देशों से टीके की खरीद के बारे में सवाल पूछा गया था. बागची ने कहा, ‘‘हम अमेरिकी उद्यमों के साथ टीके (कोविड-19 रोधी) की खरीद और बाद में भारत में उसके उत्पादन की संभावना के बारे में बातचीत कर रहे हैं.''

उन्होंने कहा कि एक बार टीके खरीद या उत्पादन के माध्यम से उपलब्ध हो जाते हैं, तब इससे देश में टीके की उपलब्धता की स्थिति मतबूत होगी. अमेरिकी द्वारा दूसरे देशों को टीके उपलब्ध कराने संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन खबरों को देखा है, जिसमें अमेरिकी सरकार ने दूसरे देशों को कुछ मात्रा में टीके उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है लेकिन इस बारे में हमारे पास अभी और जानकारी नहीं है.''

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उन्होंने कहा, ‘‘विदेशों से जो भी टीके खरीदे जायेंगे, वे हमारे नियामक दिशानिर्देशों के तहत होने की जरूरत है. जहां तक हमारी जानकारी है कि अमेरिका ने भी संकेत दिया है कि उसकी ओर से दूसरे देशों को भेजे जाने वाले टीके उत्पाद गुणवत्ता संबंधी संघीय खाद्य एवं दवा प्रशासन की मंजूरी के अनुरूप होगी.'' कोविड-19 महामारी के दौरान भारत द्वारा विभिन्न देशों को भेजे गए टीके के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चाहे अनुदान सहायता हो या अनुबंध के आधारित आपूर्ति हो.... दूसरे देशों को भेजे गए भारत में निर्मित टीके के बारे में जानकारी सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध है.

उन्होंने कहा कि यह पहले ही स्पष्ट किया गया है कि टीके की आपूर्ति घरेलू जरूरतों के आधार पर होगी. कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान भारत को दुनिया के देशों से मिल रही सहायता के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दुनिया के 40 देशों ने चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति सहित सहायता पहुंचायी और यह भारतीय रेड क्रास के माध्यम से उपलब्ध करायी गई. उन्होंने कहा कि इसके बारे में अप्रैल के अंत में विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने विस्तृत जानकारी दी थी.

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उल्लेखनीय है कि विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा था कि जब महामारी शुरू हुई थी, तब भारत ने दुनिया के देशों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन एवं पैरासिटामोल सहित अन्य आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की थी और यहां तक कि रेमडेसिविर दवा भी दी थी और अब दुनिया के देश भारत को सहयोग देने के लिए आगे आ रहे हैं.

बागची के अनुसार, विदेश सचिव ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए अमेरिका, रूस, यूरोप, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएई, खाड़ी देशों, पड़ोसी देशों सहित 40 देशों से सहयोग की पेशकश की गई है. उन्होंने कहा था कि भारत महामारी को लेकर इस बात पर जोर देता रहा है कि इससे निपटने और इसे रोकने के लिए सामूहिक पहल की जरूरत है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)