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This Article is From Sep 24, 2021

भारत ने ऐतिहासिक एयरबस मिलिट्री एयरक्राफ्ट डील पर लगाई मुहर, रतन टाटा बोले- 'बोल्ड स्टेप'

‘सी-295’ एमडब्ल्यू विमान 5-10 टन क्षमता का एक परिवहन विमान है. यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा.

भारत ने ऐतिहासिक एयरबस मिलिट्री एयरक्राफ्ट डील पर लगाई मुहर, रतन टाटा बोले- 'बोल्ड स्टेप'
‘सी-295' एमडब्ल्यू विमान 5-10 टन क्षमता का एक परिवहन विमान है
नई दिल्ली:

रक्षा मंत्रालय ने 56 ‘सी-295' मध्यम परिवहन विमानों की खरीद के लिए स्पेन की एयरबस डिफेंस एंड स्पेस (Airbus Deal) के साथ करीब 20,000 करोड़ रुपये के अनुबंध पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए. ये विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों का स्थान लेंगे. सुरक्षा पर मंत्रिमंडल की एक समिति ने दो हफ्ते पहले लंबे समय से अटके इस सौदे को मंजूरी दी थी. टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) ने  ऐतिहासिक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने पर एयरबस डिफेंस, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और रक्षा मंत्रालय को बधाई दी. 

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय वायु सेना के लिए 56 ‘सी-295' परिवहन विमान खरीदने के वास्ते रक्षा मंत्रालय और स्पेन की एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के बीच अनुबंध हुआ है.''

इस सौदे के तहत अनुबंध पर हस्ताक्षर के 48 महीनों के भीतर एयरबस डिफेंस एंड स्पेस उड़ान में सक्षम 16 विमानों को सौंपेगी। बाकी के 40 विमानों का निर्माण भारत में किया जाएगा. एयरबस डिफेंस एंड स्पेस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) के संघ द्वारा अनुबंध पर हस्ताक्षर के 10 वर्षों के भीतर इनका निर्माण किया जाएगा.

ट्विटर पर पोस्ट किए बयान में रतन टाटा ने कहा कि एयरबस डिफेंस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के बीच स्थापित संयुक्त परियोजना को  विमान बनाने के लिए मंजूरी देना भारत में विमानन एवं एवियोनिक्स परियोजनाओं के लिए अवसर खोलने की दिशा में एक "महान कदम" है.

‘सी-295' एमडब्ल्यू विमान 5-10 टन क्षमता का एक परिवहन विमान है. यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा.

मंत्रालय ने मंत्रिमंडल समिति द्वारा इस खरीद को मंजूरी दिए जाने के बाद आठ सितंबर को कहा था, ‘‘सभी 56 विमानों को स्वदेश निर्मित इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से लैस किया जाएगा.'' करीब नौ साल पहले एवरो के स्थान पर नए विमान लाने को सैद्धांतिक मंजूरी दी गयी थी. 

मंत्रालय ने बताया था कि विमानों की आपूर्ति पूरी होने से पहले भारत में सी-295 एमडब्ल्यू विमानों के लिए एक मरम्मत केंद्र बनाया जाना है. 

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